कोर्ट ने ओरछा तहसीलदार का वाहन जब्त किया है।
निवाड़ी जिले की ओरछा तहसील में न्यायालय के आदेश की अवहेलना का मामला सामने आया है। कनिष्ठ खंड प्रथम व्यवहार न्यायाधीश उपमन्यु शुक्ल के आदेश पर शनिवार को ओरछा तहसीलदार का वाहन जब्त कर लिया गया।
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अधिवक्ता पीके द्विवेदी ने बताया कि न्यायालय ने 22 मई 2024 को एक विवाद में उलझी भूमि पर फैसला सुनाया था। इस फैसले में डिक्रीधारी (जिसके पक्ष में अदालत ने फैसला जारी किया हो) को स्वत्व और जमीन मालिक घोषित किया गया था। लेकिन तहसीलदार ने राजस्व दस्तावेजों में इसे दर्ज नहीं किया।
डिक्रीधारी ने 18 दिसंबर 2024 को ऑनलाइन आवेदन देकर जमीन दर्ज कराने की मांग की। जब कोई जवाब नहीं मिला तो 13 मार्च 2025 को न्यायालय में आदेश प्रकरण दायर किया। दावा करने वाले की अनुपस्थिति में एकपक्षीय कार्रवाई हुई।
न्यायालय ने 20 जून 2025 को तहसीलदार से प्रतिवेदन मांगा और 15 जुलाई को याद दिलाने पत्र भेजा। लेकिन कोई जवाब नहीं आया। न्यायालय ने इसे प्रशासनिक उदासीनता मानते हुए सख्त रुख अपनाया।
न्यायालय ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के बावजूद आदेश कार्रवाई में देरी अस्वीकार्य है। इसलिए डिक्रीधारी का आवेदन स्वीकार कर कुर्की वारंट जारी किया गया।
नायब नाजिर ओरछा को कुर्की वारंट की तामीली का अधिकार दिया गया। इसके तहत तहसीलदार का वाहन कुर्क कर न्यायालय परिसर में रखवाया गया है। अब डिक्रीधारी के तलवाना राशि जमा करने पर तहसीलदार की संपत्ति की कुर्की आगे बढ़ाई जाएगी।