.
शासकीय शालाओं की दुर्दशा से बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ता दिख रहा है। जैथारी ब्लॉक की शासकीय सेटेलाइट प्राथमिक शाला मुंआर टपरा और डूंगरिया शाला की हालत चिंताजनक है। एक ओर शिक्षक समय पर स्कूल नहीं पहुंचते, दूसरी ओर स्कूल भवन इतने जर्जर हो चुके हैं कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। मुंआर टपरा की प्राथमिक शाला में कक्षा पहली से पांचवीं तक 25 छात्र नामांकित हैं।
लेकिन यहां पढ़ाई की स्थिति बेहद खराब है। गुरुवार को प्रभारी शिक्षक राममोहन रघुवंशी 11 बजे तक स्कूल नहीं पहुंचे थे। देर से आने का कारण पूछने पर उन्होंने सिर्फ यह कहा कि उन्हें बुखार है। ग्रामीणों ने बताया कि बच्चों की पढ़ाई का स्तर बेहद कमजोर है। पांचवीं में पढ़ने के बावजूद कई बच्चों को स्कूल का नाम तक नहीं मालूम। ग्रामीणों ने शिक्षकों की लापरवाही को लेकर नाराजगी जताई और कहा कि इस तरह बच्चों का भविष्य बर्बाद हो रहा है।
स्कूल भवन जर्जर, बच्चे गीले में बैठने को मजबूर डूंगरिया की शासकीय प्राथमिक शाला पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। बरसात में पूरा भवन टपकता है और बच्चे गीले फर्श पर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं। छत की लोहे की छड़ें सड़ चुकी हैं, जिससे बड़ा हादसा होने की आशंका बनी हुई है। स्कूल प्रभारी महेंद्र सिंह रघुवंशी ने बताया कि इस संबंध में अधिकारियों को कई बार लिखित में सूचना दी जा चुकी है। मुंआर टपरा स्कूल की बिल्डिंग भी खस्ताहाल हो चुकी है। ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि यदि कोई जनहानि होती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
^मुंआर टपरा स्कूल प्रभारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। साथ ही दोनों स्कूलों की स्थिति की रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी को भेजी जाएगी। मेंहजबीन सिद्दीकी, बीआरसी