Death of father and son in Satna due to negligence of power company in Satna; Went to water paddy field | सतना में बिजली कंपनी की लापरवाही से करंट की चपेट में आए पिता-पुत्र की मौत; धान के खेत में पानी लगाने गए थे

Death of father and son in Satna due to negligence of power company in Satna; Went to water paddy field | सतना में बिजली कंपनी की लापरवाही से करंट की चपेट में आए पिता-पुत्र की मौत; धान के खेत में पानी लगाने गए थे


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सतना28 मिनट पहले

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सतना में अपने धान के खेत में गए एक किसान पिता-पुत्र की करंट लगने से मौत हो गई है।

  • परिजनों ने बिजली कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाया है, खेत में तार टूटकर पड़ी थी, लेकिन उसे समय रहते दुरुस्त नहीं किया गया

सतना जिले की नागौद तहसील के जसो थाना के तहत बिजली कंपनी की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है। अपने धान के खेत में पानी लगाने गए किसान पिता-पुत्र की करंट लगने से दर्दनाक मौत हो गई है। इस घटना से पूरे गांव में शोक का माहौल है। परिजनों ने बिजली कंपनी पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

मौके पर मौजूद परिजनों और ग्रामवासियों से मिली जानकारी के मुताबिक जसो निवासी राजेश गौतम उर्फ राजू (49) अपने धान के खेत मे पानी लगा रहे थे। खेत में पानी चारों तरफ जा रहा है कि नहीं यही देखने वे खेत के दूसरी ओर गये थे, जहां लगे बिजली के टावर से तार टूट कर जमीन पर पड़ी थी। खेत में धान और घास होने के कारण उन्हें बिजली का तार नहीं दिखा, उसमें फंसकर किसान राजेश गौतम की मौके पर ही मौत हो गई।

परिजनों ने बताया कि कुछ देर बाद जब वह पानी देखकर नहीं लौटे, तो मृतक के सबसे बड़े पुत्र जय कुमार गौतम उर्फ सोनू (27) अपने पिता को ढूंढने खेत पर पहुंचे। खेत पर अपने पिता को जमीन में पड़े देख जय ने उन्हें उठाने की कोशिश की और वह भी करंट की चपेट में आ गया।

परिजनों ने बताया कि पिता और बड़े भाई जब एक घंटे तक घर नहीं लौटे तो मृतक का मझला पुत्र अजय गौतम उर्फ पप्पू उम्र 22 वर्ष खेत पर पहुंचा और शोर करके गांव के लोगों को मदद की गुहार लगाई। गांव के लोगों के पहुंचते ही करंट बंद होने के बाद देर रात राजेश गौतम और जय कुमार गौतम दोनों को लेकर नागौद शासकीय अस्पताल पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया।

विभाग की लापरवाही से गई जान

परिजनों का आरोप है कि फोन पर विद्युत विभाग को सूचना देने के बाद भी तत्काल प्रभाव से बिजली सप्लाई बंद नहीं की गई। इसके इतर विभाग की सबसे बड़ी लापरवाही तब सामने आई है, जब नियमतः तार टूटने के बाद बिजली सप्लाई बंद नहीं हुई। तार टूटने के बावजूद भी अर्थ फाल्ट रिले ने काम नहीं किया। इससे लाइन में करंट बना रहा और दो निर्दोष बेमौत मारे गए। जानकार मानते हैं कि यह विद्युत विभाग की लापरवाही है। नियमों के अनुसार, तार टूटते ही बिजली की सप्लाई अर्थ फाल्ट रिले के चलते बंद कर दी जानी चाहिए। इस केस में ऐसा नहीं हुआ, जो बिजली विभाग की बड़ी लापरवाही है। विभाग की इस सबसे बड़ी लापरवाही से दो निर्दोष जानें चली गई हैं, जिनके कंधे पर अपने पूरे परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी थी।

छिन गया परिवार का सहारा
मिली जानकारी के मुताबिक मृतक परिवार में अब सिर्फ दो छोटे भाई 22 वर्षीय अजय गौतम उर्फ पप्पू और 18 वर्षीय विनय गौतम हैं। मृतक राजेश गौतम की पत्नी सवित्री गौतम हैं, जो पूरी तरह से मृतकों पर ही आश्रित थीं। विद्युत विभाग की लापरवाही ने सिर्फ दो जानें नहीं ली हैं, बल्कि परिवार के जीने का सहारा ही छीन लिया है।

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