ये शुभमन गिल की टीम खुद लिखेगी अपना इतिहास , किस पर साध गए गौतम गंभीर निशाना

ये शुभमन गिल की टीम खुद लिखेगी अपना इतिहास , किस पर साध गए गौतम गंभीर निशाना


मैनचेस्टर. 5 सेशन की बल्लेबाजी करके हारा हुआ टेस्ट मैच ड्रा कराना कोई आसान काम नहीं है और ये काम भारतीय टीम के बल्लेबाजों ने कर दिखाया. जाहिर सी बात है कि इस उपलब्धि से कोई सबसे ज्यादा खुश होगा तो वो हैं टीम के कोच गौतम गंभीर. पर हेड कोच जब प्रेस कॉफ्रेंस के लिए आए तो अपने पुराने अवतार में नजर आए जहां पर हर सवाल का जवाब वो ऐसे दे रहे थे कि समझना पड़ रहा था कि टीम ने टेस्ट बचाया है या गंवाया है.

शुभमन गिल की बल्लेबाजी और कप्तानी पर सवाल पूछा गया कि उनके टेक्नीक और टेंपरामेंट में आए बदलाव को कैसे देखते है तो उनका जवाब हर किसी को हैरान कर गया. हेड कोच ने कहा कि जो लोग क्रिकेट पर बोलते है पर समझते नहीं वो ही गिल जैसी प्रतिभा पर सवाल खड़े करते है . कोच ने कहा कि गिल कप्तान नहीं भी होते तो उनकी प्रतिभा पर शक नहीं किया जा सकता. अब वो किसी कॉमेंट्रेटर की तरफ इशारा कर रहे थे ये तो रिसर्च का विषय है पर उनका ये रूप कई लोगों को चौका गया.

खिलाड़ी खुद लिखेंगे इतिहांस

गौतम गंभीर चाहते हैं कि उनके खिलाड़ी अतीत के किसी भी खिलाड़ी, यहाँ तक कि भारतीय टीम के मुख्य कोच का भी अनुसरण करने के बजाय, अपना इतिहास खुद बनाएँ. और मैनचेस्टर टेस्ट में यादगार वापसी के बाद, वे इसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं. कप्तान शुभमन गिल और केएल राहुल के बीच 188 रनों की साझेदारी ने भारत को इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में बनाए रखा, जिसके बाद वाशिंगटन सुंदर और रवींद्र जडेजा ने 203 रनों की नाबाद साझेदारी करके मेहमान टीम के लिए रोमांचक ड्रॉ सुनिश्चित किया.यह पूछे जाने पर कि क्या गंभीर ने चौथे दिन के बाद खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया और 2009 में नेपियर में खेली गई अपनी मैच बचाने वाली 137 रनों की पारी का ज़िक्र किया, गंभीर ने नकारात्मक जवाब दिया. हेड कोच ने कहा कि  पहली बात तो यह है कि मुझे अपनी कोई भी पारी याद नहीं है, वह इतिहास बन चुकी है.  मुझे लगता है कि उन्हें अपना इतिहास खुद बनाना चाहिए. सच कहूँ तो, इस टीम में कोई भी किसी का अनुसरण नहीं करेगा या करना नहीं चाहेगा.  उन्हें अपना इतिहास खुद बनाना चाहिए.

टीम में बहुत जान है

मुख्य कोच ने कहा, “ये ऐसे लोग हैं जो इस ड्रेसिंग रूम में बैठे हैं और देश के लिए लड़ना चाहते हैं और वे ऐसा करते रहेंगे. गंभीर ने कहा कि हार के कगार से ड्रॉ हासिल करने से भारत को लंदन में होने वाले पाँचवें और आखिरी टेस्ट में मेज़बान टीम पर मनोवैज्ञानिक बढ़त मिलेगी. क्योंकि जब आप देखते हैं, जब आप दबाव में होते हैं, जब आप पर दबाव डाला जाता है और आप पाँच सेशन खेल लेते हैं, तो मुझे लगता है कि यह एक बेहतरीन जज्बा है.  और इन परिस्थितियों में आप जो कुछ भी करते हैं, जब आप दबाव में होते हैं और उन दबाव भरे पलों से बाहर आते हैं, तो यह हमेशा एक शानदार एहसास होता है.

ड्रेसिंग रूम में कोई डरता नहीं

मैनचेस्टर टेस्ट ड्रा होने से  इससे ड्रेसिंग रूम में भी काफ़ी आत्मविश्वास आया है. गौतम ने कहा कि , “मुझे पूरा विश्वास है कि ओवल में उतरते समय हमारा आत्मविश्वास ऊंचा होगा, लेकिन हम किसी भी चीज को हल्के में नहीं ले सकते.नए कप्तान गिल के नेतृत्व में टीम बदलाव के दौर से गुज़र रही है, लेकिन गंभीर इसे इस तरह नहीं देखते। टीम में अनुभव की कमी को देखते हुए, टीम ने अच्छा प्रदर्शन किया है, खासकर गिल ने, जिन्होंने रविवार को सीरीज़ का अपना चौथा शतक जड़ा.अच्छा हुआ आपने बदलाव शब्द का इस्तेमाल किया, लेकिन मैं इसे इस तरह नहीं देखता क्योंकि यह अभी भी एक भारतीय टीम है.  यह सर्वश्रेष्ठ 18 खिलाड़ी हैं जो प्रतिनिधित्व करने वाले हैं। यह केवल अनुभव और अनुभवहीनता का मामला है. हम इसे इसी तरह देखते हैं.  लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इन खिलाड़ियों को आज के प्रदर्शन से बहुत कुछ सीखने को मिला.



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