स्पोर्ट्स डेस्क3 मिनट पहले
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भारत ने दूसरी पारी में फाइट दिखाने के बाद मैनचेस्टर टेस्ट ड्रॉ करा लिया। शुभमन गिल, रवींद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर और केएल राहुल ने मिलकर 142 ओवर बैटिंग की और टीम की हार को ड्रॉ में बदला। राहुल 90 रन बनाकर आउट हुए, बाकी तीनों बैटर्स ने शतक लगाए।
एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी का चौथा टेस्ट ड्रॉ होने से टीम इंडिया सीरीज में अब भी बरकरार है। टीम अब पांचवां टेस्ट जीतकर सीरीज 2-2 से ड्रॉ करा सकती है। हालांकि, भारत हार गया तो इंग्लैंड 3-1 से सीरीज जीत लेगी। आखिरी मैच ड्रॉ होने पर भी सीरीज 2-1 से इंग्लैंड के नाम ही होगी।
मैनचेस्टर टेस्ट ड्रॉ होने के 5 कारण…
कारण-1. इंग्लैंड ने पहली पारी डिक्लेयर नहीं की मैनचेस्टर टेस्ट की पहली पारी में भारत ने 358 रन बनाए। बैटिंग के लिए मददगार पिच और कंडीशन पर इंग्लैंड ने 157.1 ओवर बैटिंग की और 669 रन बना दिए। टीम ने चौथे दिन के पहले सेशन तक बैटिंग की। जिससे भारत के पास टेस्ट मैच ड्रॉ कराने का मौका बन गया।

इंग्लैंड अगर 550 रन बनाने के बाद पारी डिक्लेयर कर देता तो टीम इंडिया कन्फ्यूजन की स्थिति में जल्दी रन बनाने की कोशिश करती। जिससे मुकाबले का नतीजा किसी टीम के पक्ष में निकल जाता। हालांकि, इंग्लैंड की लंबी बैटिंग ने भारत के पास ड्रॉ के लिए खेलने के अलावा दूसरा ऑप्शन ही नहीं छोड़ा।

कारण-2. 2 विकेट के बाद राहुल-गिल की पार्टनरशिप मुकाबले के चौथे दिन 311 रन से पिछड़ने के बाद भारत ने दूसरी पारी में शून्य पर 2 विकेट गंवा दिए। यशस्वी जायसवाल और साई सुदर्शन पहले ही ओवर में पवेलियन लौट गए। यहां से ओपनर केएल राहुल ने कप्तान शुभमन गिल के साथ पारी संभाल ली।

राहुल और शुभमन ने चौथे दिन के दूसरे और तीसरे सेशन में विकेट नहीं गिरने दिया। राहुल पांचवें दिन पहले सेशन में 90 रन बनाकर आउट हुए। उनके बाद शुभमन ने शतक लगाया, लेकिन वे भी 103 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। हालांकि, दोनों ने 188 रन की पार्टनरशिप की और भारत को मैच ड्रॉ कराने की स्थिति में मजबूती से खड़ा कर दिया।

कारण-3. पांचवें दिन जडेजा-सुंदर के शतक 87.4 ओवर में भारत ने शुभमन के रूप में चौथा विकेट गंवाया। यहां रवींद्र जडेजा बैटिंग करने आए, जिनका पहली ही गेंद पर जो रूट ने स्लिप में कैच छोड़ दिया। उन्होंने इस जीवनदान का फायदा उठाया और सुंदर के साथ भारत की पारी को संभाल लिया।
पांचवें दिन भी भारत ने दूसरे और तीसरे सेशन में कोई विकेट नहीं गंवाया। जडेजा और सुंदर ने दूसरे सेशन में 99 रन बनाए और टीम को बढ़त के करीब पहुंचा दिया। तीसरे सेशन में दोनों ने टीम को बढ़त भी दिला दी। जडेजा और सुंदर दोनों ने शतक लगाया और डबल सेंचुरी पार्टनरशिप भी कर ली।

सुंदर और जडेजा ने फिर मिलकर इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स के साथ ड्रॉ के लिए हाथ मिला लिया। जडेजा 107 और सुंदर 101 रन बनाकर नॉटआउट रहे। दोनों ने 55.2 ओवर बैटिंग की। जडेजा ने गेंदबाजी में 4 विकेट भी लिए थे। हालांकि, प्लेयर ऑफ द मैच इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स रहे, जिन्होंने 141 रन बनाने के साथ मैच में 6 विकेट भी लिए।

कारण-4. इंग्लैंड की बैजबॉल पिच ने बैटिंग आसान बनाई कप्तान बेन स्टोक्स और हेड कोच ब्रेंडन मैक्कुलम ने 2022 में इंग्लैंड की लीडरशिप संभाली। दोनों ने इंग्लैंड की पिचों को बैटिंग के लिए कुछ ज्यादा ही मददगार और आसान बना लिया। जिससे मुकाबले के चौथे और पांचवें दिन भी बैटिंग करने में ज्यादा परेशानी नहीं आती है। भारत के बैटर्स ने मैनचेस्टर में इसी तरह की पिच का फायदा उठाया और 311 रन से पिछड़ने के बावजूद 143 ओवर बैटिंग कर मैच ड्रॉ करा लिया।
स्टोक्स और मैक्कुलम के साथ आने से पहले इंग्लैंड की पिचें गेंदबाजों के लिए मददगार हुआ करती थीं। यहां पांचों दिन गेंद स्विंग करती थीं और टीमों के लिए आखिरी 2 दिन बैटिंग करना तो बहुत ही मुश्किल हो जाता था। हालांकि, जब तक स्टोक्स और मैक्कुलम का बैजबॉल अप्रोच जारी रहेगा, चौथे और पांचवें दिन टीमों को बैटिंग करने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी।

कारण-5. इंग्लिश बॉलर्स की थकान इंग्लैंड के बॉलर्स ने पहली पारी में 114 ओवर बॉलिंग की। दूसरी पारी के चौथे दिन गेंदबाज दूसरे सेशन में तो एनर्जी से भरपूर नजर आए, लेकिन गिल और राहुल की पार्टनरशिप बनते ही सभी के कंधे झूक गए। टीम इंडिया ने चौथे दिन आखिरी 2 सेशन में विकेट नहीं गंवाए। जिसके बाद इंग्लैंड ने अपने स्पिनर्स लियम डॉसन और जो रूट से ज्यादा बॉलिंग कराई, जिन्हें पिच से कुछ खास मदद नहीं थी।
इंग्लिश गेंदबाजों की थकान पांचवें दिन भी साफ नजर आई। पहले सेशन में एनर्जी से बॉलिंग करने के बाद आखिरी 2 सेशन में गेंदबाजों की पेस कम हो गई। कप्तान स्टोक्स ने भी आखिरी सेशन में ज्यादातर ओवर डॉसन और रूट से ही करवाए। ताकि टीम के पेस बॉलर्स अगले टेस्ट से पहले ज्यादा थके नहीं। क्योंकि अगला मुकाबला 3 दिन बाद ही 31 जुलाई से शुरू हो जाएगा। इंग्लिश बॉलर्स की थकान भरी गेंदबाजी ने भारतीय बैटर्स का काम और भी आसान बना दिया।
