टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स पर तीखा हमला बोला है. दरअसल, मैनचेस्टर टेस्ट के आखिरी दिन जब मैच ड्रॉ होने की स्थिति में था तब बेन स्टोक्स ने तय समय से एक घंटा पहले ही मैच को खत्म करने के लिए रवींद्र जडेजा से हाथ मिलाने को कहा, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. इसे लेकर काफी बवाल मचा. बता दें कि जडेजा और वाशिंगटन सुंदर अपने शतक के करीब थे. इस ‘हैंडशेक’ बवाल पर मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोच गंभीर ने भी अपने बेबाक अंदाज में बयान दिया.
गंभीर का बोल्ड बयान
गौतम गंभीर ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुंदर और जडेजा के बीच हाथ मिलाने की बहस के बारे में पूछे जाने पर उनका पूरा सपोर्ट किया. उन्होंने बेबाक अंदाज में इसका जवाब देते हुए सवाल को इंग्लैंड की ओर मोड़ दिया और पूछा कि अगर उनमें से कोई एक अपने पहले टेस्ट शतक की तलाश में होता, तो क्या उनके बल्लेबाज कुछ अलग करते. गंभीर ने कहा, ‘अगर कोई 90 रन पर और दूसरा 85 रन पर खेल रहा है, तो क्या वे शतक के हकदार नहीं हैं?’
इंग्लैंड पर बोला तीखा हमला
गंभीर ने आगे कहा, ‘क्या वे मैदान छोड़कर चले जाते? अगर इंग्लैंड का कोई खिलाड़ी 90 या 85 रन पर बल्लेबाजी कर रहा होता और उसे अपना पहला टेस्ट शतक बनाने का मौका मिलता, तो क्या आप उसे ऐसा करने नहीं देते?’ बता दें कि सुंदर ने दूसरी पारी में अपना पहला टेस्ट शतक बनाया. उनका शतक पूरा होते ही दोनों टीमों ने हाथ मिलाए और मैच ड्रॉ होने की घोषणा हो गई.
स्टोक्स-जडेजा के बीच क्या हुआ?
दरअसल, जब मैच ड्रॉ की ओर बढ़ रहा था, तब क्रीज पर थे रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर. ये दोनों ही बल्लेबाज शतक के करीब थे. जडेजा 89 और सुंदर 80 रन बनाकर नाबाद थे. खेल खत्म होने से करीब एक घंटे पहले जब 138वां ओवर खत्म हुआ, तो बेन स्टोक्स अचानक रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर के पास आए और मैच को ड्रॉ घोषित करने के लिए हाथ मिलाने के लिए कहा. हालांकि, जडेजा और सुंदर दोनों ने स्टोक्स को मना कर दिया. वे अपने शतकों को पूरा करना चाहते थे, खासकर सुंदर, जिनके लिए यह उनका पहला टेस्ट शतक होता. भारतीय खेमे का भी मानना था कि जब बल्लेबाज शतक के इतने करीब हों, तो उन्हें अपनी पारी पूरी करने का मौका मिलना चाहिए. इसको लेकर भारतीय बल्लेबाजों और इंग्लैंड के खिलाड़ियों के बीच कहासुनी भी देखने को मिली.
क्या बोले बेन स्टोक्स?
इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स भारत द्वारा पारी ड्रॉ घोषित करने से इनकार करने पर नाराज थे. उन्होंने कहा कि मैच का परिणाम तय हो चुका था, इसलिए वह अपने शीर्ष गेंदबाजों को जोखिम में नहीं डालना चाहते थे. मैच के बाद स्टोक्स ने कहा, ‘सारी मेहनत भारत ने की थी और नतीजा सिर्फ एक ही निकला. मैं अपने किसी भी गेंदबाज को जोखिम में नहीं डालने वाला था, डॉसी ने काफी ओवर फेंके थे, उनका शरीर थक रहा था. मैं अपने किसी भी मुख्य गेंदबाज को जोखिम में नहीं डालने वाला था.’
जडेजा-सुंदर का खुलकर किया सपोर्ट
गंभीर ने जडेजा और सुंदर का खुलकर समर्थन करते हुए कहा, ‘देखिए, यह उन पर निर्भर करता है. अगर वे इस तरह खेलना चाहते हैं, तो यह उन पर निर्भर करता है. मुझे लगता है कि वे दोनों शतक के हकदार थे, और उन्होंने शतक बनाया.’ जडेजा और सुंदर के नाबाद शतकों से भारत यह मैच ड्रॉ कराने में सफल रहा, जिसे टीम इंडिया सीरीज में अभी भी बनी हुई है. भले ही इंग्लैंड 2-1 से आगे है, लेकिन टीम इंडिया आखिरी मैच जीतकर सीरीज ड्रॉ करा सकती है.