श्योपुर में उज्जैन की तर्ज पर सावन के तीसरे सोमवार को बाबा सोनेश्वर महादेव की शाही सवारी निकाली गई। फूलों की पालकी में सवार होकर सोनेश्वर महादेव शहर के भ्रमण पर निकले। इस दौरान पूरा शहर शिवमय हो गया और दर्शन करने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी।
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शाही सवारी में शिवगणों ने ढोल-मंजीरों की थाप और बाबा महाकाल के जयकारों से अद्भुत शिवभक्ति का माहौल बना दिया। सोनेश्वर महादेव मंदिर समिति किला की अगुवाई में आयोजन की तैयारी बीते एक महीने से की जा रही थी।
समिति के अध्यक्ष कपिल गुप्ता ने बताया कि राजाधिराज सोनेश्वर महादेव की शाही सवारी शहर का भ्रमण करते हुए श्रीरामतलाई हनुमान मंदिर पर पहुंची। वहां महाआरती की गई।
इसके बाद यह शाही सवारी वापस सोनेश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर संपन्न हुई। इस दौरान विभिन्न आकर्षक झांकियां भी सजाई गईं। साथ ही अखाड़ेबाजी का प्रदर्शन भी किया गया।
उज्जैन की तरह ही श्योपुर में भी झांझ, मंजीरा और डमरू बजते हुए दिखाई दिए। इसके लिए समिति द्वारा उज्जैन से ही झांझ-मंजीरा मंडली को बुलाया गया था। पालकी भी उज्जैन से ही मंगवाई गई थी। सोनेश्वर महादेव की शाही सवारी के दौरान मंदिर समिति की टीम भी परेड करते हुए चली।
जगह जगह हुआ स्वागत श्योपुर में दूसरी बार बाबा महाकाल सोनेश्वर महादेव की सवारी निकाली गई जिसे लेकर लोगो में काफी उत्साह देखते ही बन रहा था, भ्रमण के दौरान बाबा महाकाल की सवारी का लोगो ने जगह जगह पर स्वागत सत्कार किया और पुष्पवर्षा कर शिवभक्ति का परिचय दिया एवं कई स्थानो पर शीतल पेय भी पिलाया गया।
पुलिस व्यवस्था रही चाक चौबंद शाही सवारी के चलते पुलिस प्रशासन द्वारा भी व्यवस्था चाक-चौबंद रखी गई। पालकी के साथ पुलिस के जवान सुरक्षा घेरा बनाकर चले तो वहीं चप्पे चप्पे पर पुलिस के जवानों ने बंदोबस्त बनाये रखा। उज्जैन की तर्ज पर पुलिस प्रशासन द्वारा भी बाबा महाकाल की सवारी को सुरक्षा प्रदान कर भव्यता प्रदान की। इस दौरान एडिशनल एसपी वीरेन्द्र जैन, एसडीओपी राजीव कुमार गुप्ता, टीआई सतीश चैहान, देहात टीआई शशि तोमर, मानपुर टीआई पप्पू सिंह यादव समेत कोतवाली, देहात और का पुलिस स्टाॅफ बंदोबस्त में मौजूद रहा।
आकर्षण का केन्द्र रही झांकियां शाही सवारी का स्वागत करने शहरवासी उमड़े, तो वहीं किन्नर समुदाय ने भी नाच गाकर बाबा महाकाल के प्रति आस्था प्रकट की। इसके साथ ही शाही सवारी में बाबा महाकाल की सजीव झांकी, अर्द्धनारीश्वर झांकी, वैदिक गुरूकुल और आदिगुरु महादेव की झांकी भी आकर्षण का केन्द्र रही।

