देश के महत्वपूर्ण वेटलैंड्स में शामिल भोपाल के बड़ा तालाब को लेकर एक गंभीर मामला सामने आया है। तालाब को भरने वाली प्रमुख स्रोत कोलांस नदी के किनारे FTL (फुल टैंक लेवल) क्षेत्र में अवैध निर्माण की शिकायत पर्यावरण एक्टिविस्ट राशिद नूर खान ने भोपाल कलेक
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शिकायत के अनुसार, ग्राम ईटखेड़ी छाप के समीप दो अलग-अलग स्थानों पर कोलांस नदी के किनारे मुरम व पत्थर डालकर बड़े पैमाने पर भूमि भराव और निर्माण किया जा रहा है।
एक स्थान पर निजी खसरा 635 पर एक ईंट भट्ठा बना हुआ है। उसके पीछे नदी के ठीक पास कोपरा भरकर पक्के कमरे और मकान बनाए जा रहे हैं। देखने में करीब एक एकड़ भूमि पर अवैध रूप से भराव किया है, जो न सिर्फ नदी के प्राकृतिक बहाव में बाधा बन रहा है, बल्कि वेटलैंड नियमों का भी स्पष्ट उल्लंघन है।
दूसरा निर्माण स्थल इसी के नजदीक, कोलांस नदी के पुल के नीचे पाया गया, जहां भारी मशीनों (पोकलिन) से काम चल रहा है। ग्रामीणों से पूछने पर भी यह स्पष्ट नहीं हो सका कि आखिर वहां बनाया क्या जा रहा है। शिकायतकर्ता के अनुसार, यह कार्य पूर्ण रूप से बिना अनुमति, चोरी-छिपे और कानून के विपरीत हो रहा है।
शिकायतकर्ता ने बताया कि यहां चोरी छुपे निर्माण कार्य कराया जा रहा है।
नियमों की खुली अवहेलना राशिद नूर खान ने ब मांग की है कि प्रशासन तत्काल मौके का निरीक्षण कर निर्माण कार्य को रोके। दोषियों पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाए और भविष्य में इस प्रकार की गतिविधियों पर प्रभावी निगरानी हेतु स्थायी व्यवस्था बनाई जाए।
उन्होंने शिकायत में वेटलैंड (संरक्षण एवं प्रबंधन) नियम, 2017 के उल्लंघन का उल्लेख किया गया है। इन नियमों के तहत वेटलैंड क्षेत्र में निर्माण, भूमि भराव या किसी भी प्रकार का अतिक्रमण प्रतिबंधित है।
यह है नियम-
- FTL से 250 मीटर दूरी तक किसी भी तरह की स्थायी संरचना प्रतिबंधित है।
- मप्र भू-राजस्व संहिता और नगर नियोजन अधिनियम के अनुसार भी FTL क्षेत्र में निर्माण कार्य निषिद्ध है।
- पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 के अंतर्गत पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाला कोई भी कार्य दंडनीय है।