कलेक्टर ने यह देखा: सिग्नल, चौराहे-तिराहे, लेफ्ट टर्न, डिवाइडर, रोड मार्किंग, स्टॉप लाइन, रोड साइन बोर्ड, स्पीड ब्रेकर, रम्बल स्ट्रिप्स।
भोपाल में पिछले तीन साल में 16 ब्लैक स्पॉट पर 99 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। इन घटनाओं में 27 लोगों की मौत हुई है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित रिटायर्ड जजों की एक टीम 31 जुलाई और 1 अगस्त को शहर में इन स्पॉट्स का दौरा करेगी और अफसरों से जवाब तलब करेगी।
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इधर, सोमवार को भरी बारिश के बीच कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह सहित 25 से ज्यादा अफसरों की टीम सड़क पर उतरी। इस दौरान डिस्ट्रिक्ट कोर्ट चौराहा, 7 नंबर चौराहा, 1250 चौराहा, प्लैटिनम प्लाजा तथा 11 मील सहित प्रमुख चौराहों का मौका-मुआयना किया गया।
7 स्पॉट ऐसे जहां रोज लगता है जाम
ट्रैफिक पुलिस के अफसरों ने कलेक्टर को बताया कि शहर में 16 ब्लैक स्पॉट हैं। इनमें से 7 में रोज ट्रैफिक जाम की समस्या होती है। कलेक्टर ने सभी निर्माण एजेंसियों के अफसरों को हिदायत दी है कि जिन स्पॉट पर खामियां हैं, उनको समिति के आने के पहले तक पूरा कर लें। जहां पर बड़ा काम होना है, उसका एस्टीमेट बनाकर दें, ताकि समय रहते उनको ठीक कराया जा सके। कलेक्टर के साथ जिपं सीईओ ईला तिवारी, एसीपी ट्रैफिक समेत जिला प्रशासन, पुलिस, नगर निगम और पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे।
कलेक्टर ने प्रमुख चौराहों का किया निरीक्षण, अफसरों को दिए निर्देश
प्लेटिनम प्लाजा-अटल पथ चौराहा : 16 घटनाएं 5 की मौत
1. सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं टीटी नगर थाने के प्लेटिनम प्लाजा-अटल पथ वाले चौराहे पर हुई हैं। यहां तीन साल में 16 एक्सीडेंट में 5 लोगों की जान चली गई।
2. शिवाजी नगर (1250 चौराहा) है। यहां 10 एक्सीडेंट में 4 लोगों की जान चली गई।
3. मिसरोद थाने का 11मील है। यहां पर 8 एक्सीडेंट में 4 लोगों की मौत हो गई।
4. मिसरोद थाना के आशिमा मॉल के सामने 7 एक्सीडेंट में 3 लोगों की मौत हो चुकी है।
सभी निर्माण एजेंसियों के अफसरों को निर्देश दिए हैं कि जहां-जहां ट्रैफिक पुलिस ने ब्लैक स्पॉट की जानकारी दी है, वहां पर क्या-क्या काम किए गए हैं बताएं। जो काम बाकी हैं उसको कैसे पूरा किया जाना है, इसकी जानकारी ली गई। -कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर
ब्लैक स्पॉट की जांच और ट्रैफिक सुधार के लिए जो जरूरी काम किए गए हैं अफसरों के साथ उसे देखने के लिए गए थे। ब्लैक स्पॉट के जो काम बाकी हैं उनको निर्माण एजेंसियों को बता दिया गया है कि समय रहते उनको पूरा कराया जाए। -बसंत कौल, एडिशनल डीसीपी, ट्रैफिक पुलिस
कैसे घोषित होता है रोड एक्सीडेंट का ब्लैक स्पॉट
शहर के भीतर किसी सड़क पर एक ही एरिया में एक साल में 5 गंभीर दुर्घटनाएं हों या किसी जगह 10 से अधिक मौतें हो जाएं तो उस जगह के 500 मीटर का एरिया ब्लैक स्पॉट माना जाता है।