घर पर पाल लें सांपों का जानी दुश्मन, बस दिख जाए…तुरंत कर देता है अटैक

घर पर पाल लें सांपों का जानी दुश्मन, बस दिख जाए…तुरंत कर देता है अटैक


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Snake Desi Upay: सरपंच सौरभ चौरे लोकल 18 को बताते हैं कि अगर कोई बड़ा सांप इन्हें दिख जाता है, तो कड़कनाथ मुर्गे उसे देखकर एक साथ चिल्लाने लगते हैं और सभी मिलकर उसे घेर लेते हैं. इससे परिवार पहले से आगाह हो जात…और पढ़ें

खंडवा. मानसून का मौसम आते ही गांवों और खेतों में सांपों की आमद बढ़ जाती है. कई बार ये जहरीले सांप जानवरों, बच्चों और किसानों के लिए खतरा बन जाते हैं लेकिन अब एक देसी उपाय लोगों के बीच चर्चा में है और वह है कड़कनाथ मुर्गा, जो न केवल स्वाद और पोषण में सबसे खास माना जाता है बल्कि सांपों और बिच्छुओं का दुश्मन भी होता है. खंडवा की ग्राम पंचायत नाचू के सरपंच सौरभ चौरे ने ऐसा अनोखा प्रयोग किया है, जो अब वायरल हो रहा है. वह लोकल 18 को बताते हैं कि गांव में सांप और बिच्छुओं की समस्या बहुत आम थी. कई बार लोगों को रात में निकलते समय डर सताता था कि कहीं पैर के नीचे सांप न आ जाए. ऐसे में उन्होंने एक देसी समाधान खोजा, कड़कनाथ मुर्गे को जंगली ढंग से पालना.

उन्होंने बताया कि कड़कनाथ एक खास नस्ल का मुर्गा है, जो मध्य प्रदेश के झाबुआ क्षेत्र से मूलतः जुड़ा है. इसका मांस काला होता है और यह पौष्टिक गुणों से भरपूर होता है लेकिन सबसे कमाल की बात यह है कि यह मुर्गा बिच्छुओं और छोटे सांपों का दुश्मन होता है. हमारे यहां बहुत मकोड़े और बिच्छू हुआ करते थे. जब हमने 4-5 कड़कनाथ मुर्गे पाले, तो उन्होंने बिच्छुओं को पूरी तरह खत्म कर दिया. यहां तक कि जो डेढ़ फीट तक की सांपनियां होती हैं, उन्हें भी ये खा जाते हैं.

‘कांच को देखकर नागिन आई अपने असली रूप’ सांप के आगे आईना रखने वाले से लोगों ने पूछा, पहले क्या दिख रही थी?’

बड़े सांपों से करते हैं अलर्ट
सौरभ बताते हैं कि अगर कोई बड़ा सांप आता है, तो कड़कनाथ मुर्गे उसे देखकर एक साथ चिल्लाने लगते हैं और उसे घेर लेते हैं. इससे परिवार को पहले से चेतावनी मिल जाती है कि आसपास कोई खतरा है. ये मुर्गे किसी भी छिपे खतरे का अलार्म बन जाते हैं. उन्होंने इन मुर्गों को किसी दड़बे में नहीं पाला बल्कि जंगल जैसा वातावरण दिया है. वे रात को पेड़ों पर सोते हैं और सुबह होते ही घर के आसपास घूमते हैं. उनके अनुसार, ये मुर्गे अब पूरी तरह से स्वतंत्र हैं. उनकी पत्नी जब उन्हें दाना डालती हैं, तो आवाज लगाने पर दौड़कर चले आते हैं. ये अब परिवार का हिस्सा बन गए हैं.

प्राकृतिक सुरक्षा और देसी ज्ञान
गांवों में जहां अब भी सांप काटने की घटनाएं होती हैं, वहां ये देसी उपाय एक बेहतरीन समाधान बन सकता है. न तो किसी केमिकल की जरूरत, न पिंजरे, न किसी खर्चीली व्यवस्था की, बस 4 से 5 कड़कनाथ मुर्गे पाल लीजिए और आप निश्चिंत हो जाइए कि सांप, बिच्छू या छोटे खतरनाक कीट आपके आसपास तक नहीं फटकेंगे.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
ग्रामीणों का यह अनुभव धीरे-धीरे वायरल हो रहा है. विशेषज्ञ भी मानते हैं कि पक्षियों और प्राकृतिक शिकारी जीवों का वातावरण में विशेष योगदान होता है. कड़कनाथ जैसे देशी पक्षी न केवल पर्यावरण के लिए जरूरी हैं बल्कि वे मानव और पशुधन की रक्षा में भी कारगर हो सकते हैं. कड़कनाथ मुर्गा केवल एक भोजन नहीं बल्कि एक देसी प्रहरी है. अगर आप गांव या खेतों में रहते हैं, जहां सांपों का खतरा बना रहता है, तो यह मुर्गा एक बेहतरीन साथी साबित हो सकता है. देसी ज्ञान और प्राकृतिक तरीका, यही है भारत की असली ताकत.

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