Last Updated:
Malabar neem farming profit per acre: खंडवा के किसान अब पारंपरिक फसलों की जगह मालाबार नीम (मेलिया डूबिया) की खेती की ओर बढ़ रहे हैं. यह पेड़ केवल चार साल में कटाई योग्य हो जाता है.
हाइलाइट्स
- अब पारंपरिक फसलों की जगह
- इसकी लकड़ी की भारी मांग
- सिर्फ 4 साल में लाखों की कमाई
मालाबार नीम का उपयोग मुख्य रूप से प्लाईवुड बनाने में होता है. प्लाईवुड उद्योग में इसकी लकड़ी को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है, क्योंकि यह मजबूत होने के साथ ही हल्की भी होती है. यही वजह है कि इसकी डिमांड भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों तक फैली हुई है. इसकी लकड़ी से फर्नीचर, दरवाजे, खिड़कियां, बोट निर्माण और अन्य लकड़ी के प्रोडक्ट भी बनाए जाते हैं.
मालाबार नीम की खेती के लिए ज्यादा मेहनत की जरूरत नहीं होती. यह पेड़ सूखा सहन कर सकता है और विभिन्न प्रकार की मिट्टी में अच्छी तरह बढ़ता है. बस शुरुआती दिनों में उचित सिंचाई और देखभाल की आवश्यकता होती है. यह पौधा बीमारी और कीटों से भी कम प्रभावित होता है, जिससे किसानों को कीटनाशक पर ज्यादा खर्च नहीं करना पड़ता. कृषि विशेषज्ञ बीडी सनखेरे का कहना है कि मालाबार नीम किसानों के लिए सोने का पेड़ साबित हो सकता है. उन्होंने बताया कि एक बार पौधे लगाने के बाद किसानों को केवल शुरुआती दो साल तक देखभाल करनी पड़ती है. इसके बाद यह पेड़ तेजी से बढ़ता है और चार साल में कटाई योग्य हो जाता है. बाजार में इस लकड़ी की हमेशा मांग रहती है, इसलिए किसानों को बिक्री की चिंता भी नहीं करनी पड़ती.
मालाबार नीम की बढ़ती मांग को देखते हुए कई उद्योगपतियों ने किसानों से सीधे खरीद की व्यवस्था भी शुरू की है. ऐसे में किसानों के पास मंडी में भटकने की जरूरत नहीं पड़ती. यह खेती न केवल ज्यादा मुनाफा देती है बल्कि भविष्य के लिए भी एक सुरक्षित निवेश साबित होती है. यदि आप किसान हैं और अपनी आमदनी बढ़ाने की सोच रहे हैं तो मालाबार नीम की खेती आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकता है. यह पेड़ समय के साथ आपकी जमीन की कीमत बढ़ाने के साथ ही आपके परिवार को आर्थिक सुरक्षा भी प्रदान करेगा.
Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digiatal), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked …और पढ़ें
Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digiatal), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked … और पढ़ें