छिंदवाड़ा के परासिया थाना क्षेत्र में 50 वर्षीय सेवकराम रविकर की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया है कि शराब में जहर मिलाकर उसे पिलाया गया था। परिवार का कहना है कि यदि पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती, तो सेवकराम की जान बच सकती थी।
.
शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
सेवकराम के बड़े भाई शेषराव रविकर ने बताया कि उन्होंने बहू राजवती के साथ जाकर 20 जुलाई को ही परासिया थाने में शिकायत की थी। लेकिन, पुलिस ने तत्काल कोई कार्रवाई न करते हुए उन्हें थाने बुलाने की बात कही। बीच में सेवकराम की तबीयत बिगड़ गई और 26 जुलाई को गंभीर हालत में जिला अस्पताल लाया गया, जहां इलाज के दौरान वह चल बसे।
आठ लाख रुपए का कर्ज
परिवार का आरोप है कि सेवकराम की पत्नी सर्वा की नशे की हालत में यह बात कही गई थी कि “मैंने उसे जहर पिलाया था, लेकिन वह नहीं मरा, अगर मर जाता तो मेरा कर्जा माफ हो जाता।” सेवकराम पर मकान और गाड़ी सहित लगभग आठ लाख रुपए का कर्ज बताया जा रहा है।
अस्पताल चौकी पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया और मामले की जांच शुरू कर दी है। परिजनों ने पुलिस से निष्पक्ष एवं त्वरित जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस पर लापरवाही के आरोप
परिजनों ने बताया कि शिकायत पर अगर पुलिस समय पर संज्ञान लेती, तो सेवकराम की जान बच सकती थी। परिवार अब मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहा है।