झाबुआ17 मिनट पहले
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मेघनगर के तहसीलदार की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई है। उनकी रिपोर्ट गुरुवार रात इंदौर से आई। तहसीलदार और दो पटवारी मेघनगर के एक प्रॉपर्टी ब्रोकर के साथ तिरूपति बालाजी गए थे। इस दौरान इसी ब्रोकर की कार का इस्तेमाल किया। दोनों पटवारी, प्रॉपर्टी ब्रोकर और उसका ड्राइवर पहले ही पॉजिटिव आ चुके हैं। पहले मिले चार संक्रमितों के सैंपल की जांच झाबुआ लैब में हुई थी और तहसीलदार के सैंपल इंदौर भेजे गए थे।
अब यहां इस बात पर चर्चा है कि आखिर राजस्व
विभाग के अफसर एक प्रॉपर्टी ब्रोकर के साथ उसकी ही कार में कैसे चले गए थे। अब तक अफसरों ने इस मुद्दे पर सच्चाई जानने की कोशिश नहीं की है। दूसरी ओर एक खबर ये भी मिली कि राणापुर के पास सरसवाट गांव में एक मरीज को जब टीम लेने पहुंची तो वो खेतों में भाग गया। 24 घंटे बाद भी उसका पता नहीं चल सका।
15 दिन पहले तहसीलदार और दो पटवारी तिरूपति गए थे। खबर है कि ये प्रॉपर्टी ब्रोकर की कार में सवार होकर गए। इसे लेकर मेघनगर में कई तरह की चर्चाएं हैं। जिस ब्रोकर के साथ गए थे, उसका जमीनों के लेनदेन में बड़ा नाम है। कुछ साल पहले तब के कलेक्टर बी चंद्रशेखर उसे हवालात भी भेज चुके हैं। अब उसी ब्रोकर के साथ राजस्व के अफसरों की इतनी प्रगाढ़ता से सवाल खड़े हो रहे हैं। वैसे भी सरकारी कर्मचारियों को ऐसे कार्यों से बचना चाहिए। दबे-छुपे गए तो भी कोरोना ने सारा भेद खोल दिया। वहां से लौटने के बाद पांचों में संक्रमण के लक्षण दिखे। पहले एक की जांच की तो पाॅजिटिव आने पर ट्रेवल हिस्ट्री पूछी गई और इसमें साथ जाने वालों के नाम सामने आ गए। कोरोना के पॉजिटिव आए ग्राम सरसवाट के स्कूल फलिया के 55 वर्षीय अधेड़ मरीज को लेने झाबुआ की एंबुलेंस अपने दल के साथ गुरुवार दोपहर पहुंची तो मरीज घर से भागकर खेतों में जा छुपा। गुरुवार को पूरे दिन ढूंढने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग के 30 सदस्य उस तक नहीं पहुंच पाए। मरीज के परिजन भी गायब हो गए। बीएमओ डॉ. जीएस चौहान ने बताया, मरीज मक्का के खेतों में जाकर छुप गया था। गुरुवार रात 8 बजे तक उसका पता नहीं चला। तब तलाश बंद कर शुक्रवार को फिर से तलाश शुरू की। पुलिस की मदद भी ली जा रही है। उससे कोई संपर्क भी नहीं हो रहा, इसलिए समझाइश भी नहीं दे पा रहे। शुक्रवार शाम होते पीड़ित का एक बेटा टीम को मिल गया। अब उसके जरिये पिता से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है।
पूर्व पार्षद का इंदौर में निधन, टाइफाइड होने के बाद कोरोना संक्रमित पाए गए थे
राणापुर | वार्ड 9 के पूर्व पार्षद का शुक्रवार सुबह इंदौर में निधन हो गया। पिछले दिनों टाइफाइड और सांस में तकलीफ को लेकर इंदौर अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। कोरोना जांच में वह और उनका परिवार कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। उनका दाह संस्कार इंदौर में किया गया।
पूर्व पार्षद अपनी सामाजिक सक्रियता के चलते नगर में बहुत लोकप्रिय थे। गौरतलब है उनके पुत्र, पुत्री व भतीजे का परिवार कोरोना संक्रमित पाए गए थे। वे कोविड केयर सेंटर बाड़कुआ में ही हैं। सुबह करीब 6 बजे जैसे ही मृत्यु की सूचना आई बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। बच्चों को लोगों ने दिलासा देकर समझाया। हालांकि मृतक की इंदौर हॉस्पिटल द्वारा करवाई गई कोरोना जांच की रिपोर्ट नहीं आई थी।
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