महाराष्ट्रीय समाज की आराध्य देवी कान बाई माता का विसर्जन: बुरहानपुर में महिलाओं ने पारंपरिक तरीके से की पूजा, ताप्ती नदी में हुआ विसर्जन – Burhanpur (MP) News

महाराष्ट्रीय समाज की आराध्य देवी कान बाई माता का विसर्जन:  बुरहानपुर में महिलाओं ने पारंपरिक तरीके से की पूजा, ताप्ती नदी में हुआ विसर्जन – Burhanpur (MP) News



बुरहानपुर में महाराष्ट्रीय समाज की आराध्य देवी कान बाई माता के दो दिवसीय उत्सव का सोमवार को समापन हुआ। श्रावण माह में महाराष्ट्रीयन परिवारों में कान बाई माता को विराजित किया जाता है। दूसरे दिन पूजा-अर्चना के बाद विसर्जन किया जाता है।

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महाराष्ट्रीय समाज के दिनेश वारूले और नरेश वारूले ने बताया कि कान बाई कार्यक्रम प्राचीन समय से चला आ रहा है। श्रावण मास के दूसरे सप्ताह में एक दिन के लिए कान बाई माता बैठाई जाती है। इस अवसर पर पूरा परिवार एकत्र होता है। जो लोग बाहर रहते हैं, वे भी इस पर्व के लिए अपने घर वापस आते हैं। सभी एकजुट होकर पूजा-अर्चना करते हैं। सोमवार को इस पर्व पर समाज के कई लोग उपस्थित रहे। सभी ने ताप्ती नदी पर पहुंचकर पूजा-अर्चना कर कान बाई माता का विसर्जन किया।

महिलाओं ने धार्मिक गीतों पर नृत्य किया महिलाओं ने धार्मिक गीतों पर नृत्य और गायन कर उत्साह प्रकट किया। इससे पहले रातभर जागरण कर माता की आराधना भी की गई। समाजजन के अनुसार, निमाड़ में जिस तरह गणगौर पर्व मनाया जाता है, उसी प्रकार महाराष्ट्रीय समाज कान बाई माता का पर्व मनाते हैं।

माता को विराजित करने के बाद विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। दूसरे दिन विसर्जन होता है। घर-घर में स्थापना कर जागरण, भजन कीर्तन और फुगड़ी नृत्य किया जाता है। इस अवसर पर भिकन निकम, दिलीप वारूले, मनीष वारूले, राकेश वारूले, जितेंद्र वारूले, प्रतिक सिंह बैस सहित नाविक समाज के कई लोग उपस्थित रहे।



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