नई दिल्ली3 मिनट पहले
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टोक्यो ओलिंपिक गेम्स में भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाने वाली मुक्केबाज लवलीना बोरगोहन ने इंडियन बॉक्सिंग एसोसिएशन (BFI) के कार्यकारी निदेशक रिटायर्ड कर्नल अरुण मलिक पर मिसबिहेव के आरोप लगाए हैं। TOI के अनुसार, लवलीना ने अपमानजनक और लैंगिक भेदभावपूर्ण व्यवहार करने का आरोप लगाया है।
27 साल की मुक्केबाज ने 2 पेज की लिखित शिकायत की है। वहीं, कर्नल मलिक ने लवलीना के आरोपों को गलत बताया है। इंडियन ओलिंपिक संघ (IOA) ने इन आरोपों की जांच शुरू कर दी है। IOA ने तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई है, जिसमें टॉप्स के सीईओ नछत्तर सिंह जोहल, टेबल टेनिस खिलाड़ी शरत कमल और एक महिला वकील शामिल हैं। कमेटी को 2 हफ्तों में रिपोर्ट देनी है।

लवलीना बोरगोहन ने टोक्यो ओलिंपिक में भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया था।
क्या है पूरा मामला? लवलीना ने आरोप लगाया कि 8 जुलाई को टॉप्स की जूम मीटिंग में कर्नल मलिक ने उनके साथ बहुत ही अपमानजनक और तिरस्कार भरा व्यवहार किया।
इसमें आगे लिखा है- इस मीटिंग के बाद मुझे बहुत ठेस पहुंची, मैं दुखी और निराश हो गई। मैं सोचने लगी कि हम महिला खिलाड़ी क्या वाकई सम्मान के लायक समझे जाते हैं?
लवलीना ने लिखा-

मैं सिर्फ एक एथलीट के रूप में नहीं, बल्कि एक महिला के रूप में यह पत्र लिख रही हूं। जो सालों से देश की उम्मीदें बॉक्सिंग रिंग में लेकर चलती रही है।
लवलीना ने लिखा-

8 जुलाई को BFI और टॉप्स की मीटिंग में कर्नल मलिक ने मुझसे चिल्लाते हुए कहा- चुप रहो, सिर नीचे रखो और जो कहा जा रहा है वो करो। उनका यह व्यवहार न केवल अपमानजनक था बल्कि महिलाओं के प्रति भेदभाव और ताकत दिखाने जैसा था।

लवलीना को 2020 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वे ये पुरस्कार पाने वाली असम की छठवीं प्लेयर हैं।
अरुण मलिक ने कहा-

लवलीना हमारे देश का गौरव हैं। हमने मीटिंग में पूरी प्रोफेशनल तरीके से बातचीत की। मीटिंग रिकॉर्ड की गई थी और सभी संबंधित अधिकारियों के पास इसकी रिकॉर्डिंग है। हमने लवलीना की बातों को नियमों के अनुसार सुना और समझा।
निजी कोच के साथ यूरोप में ट्रेनिंग करना चाहती थी लवलीना लवलीना ने अपने निजी कोच प्रणामिका बोरो को साथ रखने और यूरोप में ट्रेनिंग की इजाजत मांगी। लेकिन कर्नल मलिक ने इन प्रस्तावों को टॉप्स के विचार में लाने से पहले ही मना कर दिया।

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