सौ रुपए अधिक की अचल संपत्ति की नोटरी पर बैन: कलेक्टर ने आदेश जारी किया; नियम की जानकारी नहीं होने पर हो रही थी धोखाधड़ी – Indore News

सौ रुपए अधिक की अचल संपत्ति की नोटरी पर बैन:  कलेक्टर ने आदेश जारी किया; नियम की जानकारी नहीं होने पर हो रही थी धोखाधड़ी – Indore News



इंदौर में 100 रु. या उससे अधिक की अचल संपत्ति की नोटरी किए जाने से जन सामान्य को होने वाली परेशानियों की रोकथाम और अवांछनीय गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए कलेक्टर आशीष सिंह ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा-163(1)(2) के तहत प्रतिबंधात्मक आद

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आदेश के विपरीत यदि किसी नोटरी द्वारा ऐसा कृत्य किया जाता है तो उसके विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के तहत कार्यवाही करने के साथ ही नोटरी लाइसेंस को निरस्त करने की कार्यवाही की अनुशंसा की जाएगी। इसके साथ ही अन्य वैधानिक कार्यवाही भी की जाएगी।

मामले में सभी वरिष्ठ जिला पंजीयक, जिला पंजीयक, वरिष्ठ उप पंजीयक, उप पंजीयक, अनुविभागीय दण्डाधिकारी, कार्यपालिक दण्डाधिकारी, पुलिस के थाना प्रभारी, पुलिस के सभी वरिष्ठ अधिकारी इस आदेश का पालन और क्रियान्वयन सुनिश्चित करेंगे। जो भी व्यक्ति अथवा संगठन आदेश का उल्लंघन करेगा उसके विरूद्ध भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के दण्डात्मक प्रावधानों के अन्तर्गत कार्यवाही की जायेगी। यह आदेश 7 अगस्त 2025 से 5 अक्टूबर 2025 तक की अवधि में प्रभावशील रहेगा।

जानिए क्यों जरूरत पड़ी ऐसे आदेश की – दरअसल अकसर यह देखने में आता है कि कुछ लोगों द्वारा अचल संपत्ति को रजिस्ट्री के आधार पर क्रय-विक्रय न करते हुए नोटरी के आधार पर क्रय-विक्रय कर लिया जाता है। इस प्रकार के छल-कपट में भोली-भाली जनता जिन्हें नियम कानूनों का ज्ञान नहीं है फंस जाते है, धोखाधड़ी का शिकार होते है तथा बाद में परेशानी उठाते हैं।

– इस प्रकार के नोटरी के आधार पर रजिस्टर्ड दस्तावेजों का कोई कानून अस्तित्व नहीं होने से अनावश्यक कठिनाइयां पैदा होती है।

– कई बार देखने में आता है कि व्यक्ति अपनी जीवन की पूरी कमाई या कर्ज आदि लेकर अचल संपति क्रय करते हैं तथा उसकी विधिवत रजिस्ट्री न करवाते हुये पैसे बचाने के लालच में नोटरी के आधार पर अचल संपत्ति क्रय कर लेते हैं। इससे एक तरफ शासन को राजस्व की हानि होती है, वहीं दूसरी ओर इस प्रकार के दस्तावेजों का कोई वैधानिक अस्तित्व नहीं होने से क्रेता का कोई स्वामित्व भी निर्धारित नहीं होता है।

– साथ में इससे अवैध कॉलोनियों को बढ़ावा मिलता है जहां किसी भी प्रकार की अधोसंरचना न होने के कारण जन-आक्रोश की स्थिति निर्मित होती है। साथ ही स्वामित्व संबंधी कानूनी विवाद बढ़ने के कारण कानून एवं व्यवस्था की स्थिति निर्मित होने की आशंकाएं बनी रहती है।

केवल विधिवत रजिस्ट्री ही मान्य नोटरी नहीं पंजीकरण अधिनियम, 1908 की धारा-17(1) (बी) के अनुसार अचल संपत्ति में या उस पर सौ रु. या उससे अधिक मूल्य के किसी अधिकार, शीर्षक या हित को बनाने, घोषित करने, सौंपने, सीमित करने या समाप्त करने वाले उपकरणों के पंजीकरण की आवश्यकता होती है। यह धारा विशेष रूप से उन दस्तावेजों को पंजीकृत करने की आवश्यकता को बताता है जो अचल संपत्ति को प्रभावित करते है, विशेष रूप से ये जो 100 रु. या उससे अधिक मूल्य के अधिकारों, शीर्षकों या हितों से संबंधित है। पंजीकरण नियमों में स्पष्ट है कि 100 रु. व उससे अधिक की किसी भी अचल संपत्ति के क्रय-विक्रय के लिए केवल विधिवत रजिस्ट्री ही मान्य है। नोटरी किसी भी स्थिति में मान्य नहीं है।



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