त्योहार: मिलावट का संदेह छोटी दुकानों पर, जिन बड़ी पर ग्राहकों की भीड़ वहां फूड टीम पहुंची ही नहीं – Gwalior News

त्योहार:  मिलावट का संदेह छोटी दुकानों पर, जिन बड़ी पर ग्राहकों की भीड़ वहां फूड टीम पहुंची ही नहीं – Gwalior News



रक्षाबंधन के कारण बीते 8 दिन से शहर में मिलावटी मावा बाहरी जिलों से आ रहा है, लेकिन खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने 8 दिन में मिलावट का संदेह सिर्फ छोटी दुकानों पर ही था, इसलिए यहीं से सर्वाधिक नमूने लिए। मिठाई की जिन बड़ी दुकानों पर त्योहार पर ग्राहकों

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ऐसे में जिन बड़ी दुकानों से आप मिठाई ले रहे हैं उसमें मिलावटी मावा का उपयोग किया गया है इसकी गारंटी लेने वाला कोई नहीं है। जिले में खाद्य पदार्थों का छोटा-बड़ा कारोबार करने वालों की संख्या 30 हजार से ज्यादा है। इनमें से 16 हजार पंजीयन करा चुके हैं, जबकि 1800 के पास लाइसेंस हैं। इनमें हुजरात, बहोड़ापुर, सिटी सेंटर, मुरार, थाटीपुर, शिंदे की छावनी, छत्री बाजार तथा हजीरा क्षेत्र में बड़ी मिठाई की दुकानों की खाद्य सुरक्षा अधिकारीं जांच के लिए नहीं पहुंचे हैं।

8 दिन में यहां से लिए सैंपल, रिपोर्ट डेढ़ माह आ सकेगी

{1 अगस्त: सिटी सेंटर के एक होटल से पनीर, रिफाइंड सोयाबीन तेल के दो नमूने। {4 अगस्त: बारादरी चौराहा पर मावा के 5 बोरे जब्त किए। इनमें 150 किलो मावा था। इसी दिन परम फूड से रसगुल्ला, बालूशाही के नमूने लिए। {5 अगस्त: पंडित फैनी से बेसन लड्डू, घेवर, बृजवासी मिष्ठान माधौगंज से बेसन लड्डू, मिल्क केक, शिंदे की छावनी से जय भोलेनाथ मिष्ठान से रसमलाई,लड्डू के नमूने। {6 अगस्त: दानाओली में ओमजी फैनी से फैनी-घेवर, भगवती फैनी-घेवर भंडार से घेवर-फैनी तथा आंगन रेस्त्रां गोला का मंदिर से डोडा बर्फी, आयोध्यावासी स्वीट मुरार से मिल्क केक, बेसन लड्डू के नमूने। {7 अगस्त: मोहना में महेश अग्रवाल से गुजिया, बूंदी के लड्डू, चौबे गुजिया से गुजिया-पेडा, बृजवासी मिष्ठान भंडार से से मिल्क केक का नमूना लिया। {8 अगस्त: राम स्वीट्स दाल बाजार से बूंदी लड्डू, सोनपपडी और पाटनकर बाजार में दाऊजी मिष्ठान से काजू बर्फी, बालूशाही के नमूने लिएा। डबरा में शिवहरे दूध डेयरी क्रीम, अग्रवाल डेयरी से घी,दूध का नमूना लिया। गंदगी मिलने दोनों के परिसर बंद कर दिए गए।

सभी के लिए सैंपल, रिपोर्ट नहीं आई

^गुरुवार तक 42 नमूने टीम ने ​लिए हैं, इनमें 9 मावे के हैं। हमने बड़ी दुकानों पर भी जांच की। यहां नमूने लिए हैं। भोपाल लैब में 300 से ज्यादा नमूनों की रिपोर्ट लंबित हैं। इनका इंतजार कर रहे हैं। -लोकेंद्र सिंह, खाद्य सुरक्षा अधिकारी​​​​​​​

एक्सपर्ट –बीएम शर्मा, रिटायर्ड आईएएस

मिलावट पर अंकुश सरकार की प्राथमिकता में हो ग्वालियर-चंबल अंचल मिलावटी मावे का गढ़ है। लेकिन इसकी जांच के लिए अंचल के जिलों में स्टाफ काफी कम है। इस कारण जांच नहीं हो पाती। आज से 6 साल पहले जब मैं कमिश्नर था, तब मैंने फूड लैब के लिए जमीन दी थी। लेकिन ये लैब अब तक चालू नहीं हुई। इस कारण खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर भोपाल भेजना पड़ते हैं। वहां पूरे प्रदेश से नमूने आते हैं ​इस कारण रिपोर्ट 4 से 6 माह बाद आ पाती है। इतनी देर से रिपोर्ट मिलने को कोई औचित्य नहीं है। मिलावट पर अंकुश सरकार को कठोर कदम से ही उठ सकेगा। ​​​​​​​



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