हरदा में शनिवार को कृषि उपज मंडी परिसर में सर्व आदिवासी समाज ने विश्व आदिवासी दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया। इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। आदिवासी समाज के लोगों ने नगर में वाहन रैली निकाली। साथ ही आदिवासी सभ्यता और संस्कृति पर आधार
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कार्यक्रम में समाज के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए। वक्ताओं ने आदिवासी सभ्यता और संस्कृति को समाज की पहचान बताते हुए शिक्षा को बढ़ावा देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आदिवासी हितों की रक्षा के लिए समाज के सभी लोगों को आगे आना होगा। महिलाओं की शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया।
समाज के लोगों ने आदिवासी दिवस को सार्थक बनाने और बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बाद शनिवार शाम को रैली निकाली गई। इसमें पारंपरिक आदिवासी गीतों की धुन पर युवाओं ने नृत्य किया और “जय सेवा जय जोहार” के नारे लगाए। रैली का जगह-जगह पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया।
आयोजन से जुड़े लोकेश कलमे ने बताया कि समारोह के दौरान समाज के मेधावी विद्यार्थियों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों का भी सम्मान किया गया। कार्यक्रम में अतिथियों ने आदिवासी समाज के लोगों को वनवासी कहने पर कड़ी आपत्ति जताई। सभी ने एक सुर में कहा कि आदिवासी संस्कृति देश की सबसे पुरानी संस्कृति है। वे आदिकाल से जंगल की रक्षा कर रहे हैं। उन्हें अपने आप को वनवासी नहीं बल्कि आदिवासी कहने पर गर्व करना चाहिए।
इस अवसर पर विधायक डॉ. आर.के. दोगने ने भी आदिवासी समाज की बालिकाओं की शिक्षा को बढ़ावा देने की बात कही। नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि राजू कमेडिया ने शहर के एक चौराहे का नाम रानी दुर्गावती के नाम पर करने की घोषणा की।
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