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Mahakal Corridor Ujjain: बाबा महाकाल की नगरी इन दिनों श्रद्धालुओं को खूब लुभा रही है. साथ ही महाकाल कॉरिडोर बनने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या रोजाना बढ़ती ही जा रही है. कॉरिडोर बनने के बाद उज्जैन की जनता का रोजगार भी बढ़ रहा है.आइए जानते हैं लगातार किस रोजगार में वृद्धि हो रही है.
धार्मिक नगरी उज्जैन विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के नाम से जानी जाती है. यहां रोजाना देश-विदेश से पर्यटक आते हैं. महाकाल कॉरिडोर बनने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या रोजाना बढ़ती ही जा रही है. कॉरिडोर बनने के बाद उज्जैन की जनता का रोजगार भी बढ़ रहा है.

ऐसे तो देश मे 12 ज्योतिलिंग विराजमान हैं. जिनकी अपनी-अपनी महिमा है. लेकिन उज्जैन के महाकाल मंदिर मे लोगों की आस्था का सैलाब हर दिन बढ़ता जा रहा है. रोजाना यहां लाखों की संख्या में पर्यटक आ रहे हैं. जिससे उज्जैन के विकास के साथ साथ रोजगार को भी पंख लग रहे हैं.

दरअसल, विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल कॉरीडोर का उद्धाटन 11 अक्टूबर 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों हुआ था.

साल 2016 में उज्जैन में ई-रिक्शा की शुरुआत हो गयी थी. उस समय उज्जैन में चुनिदा ई-रिक्शा देखने को मिलती थी, लेकिन जैसे ही 18 अटुम्बर 2022 को महाकाल कॉरिडोर की शुरुआत हुई तब से लेकर अभी तक रोजाना ई-रिक्शा की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है. कुछ समय पहले यहां चार पहिया वाहन तो अधिक दिख जाते थे, लेकिन अब पुरे उज्जैन शहर में चार पहिया वाहन गिनती के दिखते हैं. सबसे ज्यादा ई-रिक्शा देखने को मिलते हैं. उज्जैन में अभी तक लगभग 10 हज़ार से अधिक ई-रिक्शा हो चुके हैं, जिससे उज्जैन वासियों का रोजगार बढ़ा है.

महाकाल कॉरिडोर बनने के पहले की बात की जाए तो उज्जैन में कुछ ही होटल नजर आते थे, लेकिन कॉरिडोर के बनते ही रहवासियों ने अपने घर को होम स्टे में परिवरित कर दिया है. महाकाल लोक से पहले मंदिर के आसपास करीब 400-500 होटल थे. अब यह संख्या बढ़कर लगभग 1200 से 1500 से ज्यादा हो गई है.

अब महाकाल क्षेत्र,जयसिंहपुरा, अंबर कॉलोनी, बेगम बाग, महाकाल घाटी, रविशंकर नगर, हरसिद्धि की पाल के पास, चौबीस खंभा माता मंदिर में हर पांचवें घर में गेस्ट हाउस या होम स्टे की सुविधा दी जा रही है, जो 12 महीने यात्रियों से भरे रहते हैं.

महाकाल कॉरिडोर से लगा हुआ क्षेत्र जयसिंहपूरा नाम से प्रसिद्ध है. इस क्षेत्र की बात की जाए तो यह कॉरिडोर बनने से पहले पिछड़ी हुईं बस्तियों में से एक था. लेकिन जैसे ही कॉरिडोर की शुरुआत हुई. यहां रोजाना लाखों की संख्या में श्रद्धालु का आगमन होना शुरू हो गया.अब जयसिंहपूरा क्षेत्र उज्जैन में सबसे ज्यादा क़ीमत वाला क्षेत्र हो चूका है. कॉरिडोर बनने से पहले जो मकान थे उनकी क़ीमत लाखों में थी, लेकिन जैसे ही कॉरिडोर बना यहां जितने भी मकान हैं उनकी कीमत आज करोड़ों मे पहुंच चुकी हैं.

महाकाल की नगरी में कई प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन भी मिलते हैं. जैसे ही कॉरिडोर का निर्माण हुआ. यहां श्रद्धालुओं की संख्या के साथ खाने की दुकाने भी बढ़ने लगीं. कॉरिडोर के हर चौराहे पर स्वादिष्ट व्यंजन की भरमार साल भर लगी रहती है और श्रद्धालुओं को उज्जैन का खाना खूब लुभाता है.