जसप्रीत बुमराह के वर्कलोड कंट्रोवर्सी पर स्विंग किंग ने कहा कुछ ऐसा, आलोचकों का बंद हो जाएगा मुंह

जसप्रीत बुमराह के वर्कलोड कंट्रोवर्सी पर स्विंग किंग ने कहा कुछ ऐसा, आलोचकों का बंद हो जाएगा मुंह


Indian Cricket Team: भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैचों की सीरीज को 2-2 से बराबर करा लिया. ओवल में खेले गए आखिरी मुकाबले में उसने रोमांचक जीत हासिल की. इस सीरीज के दौरान कई विवाद सामने आए हैं. उन्हीं में से एक जसप्रीत बुमराह का वर्कलोड मैनेजमेंट विवाद भी था. बुमराह  फिटनेस को ध्यान में रखते हुए 5 में से सिर्फ 3 टेस्ट मैच ही खेल पाए. इस कारण चैंपियन बॉलर की काफी आलोचना भी हुई. अब उनके सपोर्ट में ‘स्विंग किंग’ के नाम से मशहूर तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार उतरे हैं.

चोट के पीछे बुमराह का एक्शन

भुवनेश्वर ने बुमराह के वर्कलोड मैनेजमेंट के फैसले का जोरदार समर्थन किया है. ‘टॉक विद मनवेंद्र’ पॉडकास्ट पर बोलते हुए भुवनेश्वर ने इस फैसले का बचाव किया. उन्होंने तेज गेंदबाजों पर पड़ने वाले शारीरिक और मानसिक दबाव पर जोर दिया. भुवनेश्वर ने कहा, ”देखिए, जिस तरह से बुमराह इतने सालों से सभी फॉर्मेट में खेल रहे हैं और प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं. किसी के लिए भी इसे बनाए रखना मुश्किल है. जिस तरह का बॉलिंग एक्शन बुमराह का है, चोटें उन्हें या किसी को भी लग सकती हैं.”

टीम मैनजेमेंट के फैसले का बचाव

भुवनेश्वर ने आगे कहा कि कम मैच खेलने से किसी खिलाड़ी का प्रभाव कम नहीं होता. उन्होंने कहा, ”मुझे उनके पांच में से तीन मैच खेलने पर कोई दिक्कत नहीं थी. अगर चयनकर्ताओं को पता है कि वह क्या कर सकते हैं और वे इससे ठीक हैं, तो ऐसा इसलिए है क्योंकि वे जानते हैं कि वह उन तीन मैचों में भी बड़ा प्रभाव डाल सकते हैं. अगर कोई खिलाड़ी सभी पांच मैच नहीं खेलता है लेकिन तीन में महत्वपूर्ण योगदान देता है, तो यह ठीक होना चाहिए.”

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बुमराह पर काफी दबाव

बुमराह भारत के लिए सभी फॉर्मेट में सबसे भरोसेमंद गेंदबाज हैं, इसलिए उन पर प्रशंसकों और टीम प्रबंधन की उम्मीदों का दबाव होना स्वाभाविक है. भुवनेश्वर ने इस पर भी विस्तार से बात की. उन्होंने कहा, ”लोग हमेशा यह नहीं समझते कि इतने सालों तक लगातार सभी फॉर्मेट में खेलना कितना मुश्किल है. बुमराह हमेशा मुश्किल परिस्थितियों में गेंदबाजी करते हैं, जिससे मानसिक और शारीरिक दोनों तरह का दबाव आता है. अगर आप चाहते हैं कि किसी खिलाड़ी का करियर लंबा हो, तो आपको उन्हें किसी न किसी तरह से मैनेज करना होगा.”

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भुवनेश्वर ने याद किए पुराने दिन

बुमराह पर दिखाए गए भरोसे का शानदार नतीजा भी मिला. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ अपने तीन मैचों में 14 विकेट लिए, जिसमें दो बार पांच विकेट हॉल भी शामिल हैं. यह साबित करता है कि रणनीतिक रूप से आराम दिए जाने पर भी वह निर्णायक प्रभाव डालने में सक्षम हैं. बुमराह के एक होनहार युवा खिलाड़ी से भारत के प्रमुख तेज गेंदबाज बनने की यात्रा पर बात करते हुए भुवनेश्वर ने कहा, “जब वह पहली बार आए थे, तो हर कोई देख सकता था कि उनमें कुछ खास है. क्षमता के मामले में कुछ भी नहीं बदला है. वह तब भी उतने ही अच्छे थे जितने अब हैं. लेकिन सालों के प्रदर्शन से आत्मविश्वास आता है. एक बार जब आप स्थापित हो जाते हैं, तो चीजें गलत होने पर आप घबराते नहीं हैं.”



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