छतरपुर जिला अस्पताल इस समय बदहाली से जूझ रहा है। अस्पताल की पांच मंजिला इमारत में मरीजों को बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं। हॉस्पिटल के तीन गेटों में से दो बंद हैं, जहां आवारा पशु बैठे रहते हैं। एकमात्र गेट जो खुला है वहां भी कचरा बिखरा पड़ा ह
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जमीन पर लेटकर इलाज करा रहे मरीज वार्डों में डस्टबिन नहीं होने से कचरा चारों ओर फैला है। शौचालय और बाथरूम का हाल और भी बुरा है। पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है। फ्रिज और नल खराब पड़े हैं। अव्यवस्थाओं और मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण डॉक्टर जल्दी छुट्टी कर दे रहे हैं। ज्यादा मरीज होने पर कई मरीजों को वार्ड के बाहर जमीन पर लेटकर इलाज करवाना पड़ रहा है।
पार्किंग व्यवस्था भी खराब अस्पताल के मुख्य द्वार पर पानी का पाइप लीक है, जिससे पानी बह रहा है। गेट पर अव्यवस्थित रूप से खड़ी बाइक्स एंबुलेंस की आवाजाही में बाधा बन रही हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि सरकार लाखों रुपए खर्च करती है, लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही से अस्पताल बदहाल स्थिति में है।
हॉस्पिटल में चोरी की घटनाएं भी बढ़ीं अस्पताल में चोरी की घटनाएं भी बढ़ी हैं। मुकेश अहिरवार नाम के युवक ने बताया कि पत्नी की डिलीवरी के दौरान उनका मोबाइल चोरी हो गया। वहीं इसके पहले भी डॉक्टर, कर्मचारी और पुलिस चौकी के स्टाफ की बाइक चोरी हो चुकी हैं, जो अभी तक नहीं मिली हैं।
सिविल सर्जन डॉ. चौरसिया से संपर्क का प्रयास किया गया, लेकिन वे व्यस्त थे। सीएसपी अरुण कुमार सोनी ने कहा कि वे मामले की जांच करवाएंगे।
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