सिर्फ 2 साल में फल देने वाला पौधा! सतना में किसान उगा रहे हैं विदेशी फालसा, स्वाद के साथ सेहत का भी बाप

सिर्फ 2 साल में फल देने वाला पौधा! सतना में किसान उगा रहे हैं विदेशी फालसा, स्वाद के साथ सेहत का भी बाप


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Satna News: सतना के किसान चंदन सिंह ने दक्षिण अफ्रीका से मंगवाए इस फल की खेती कर रहे हैं, जिसकी डिमांड न सिर्फ देश में , बल्कि विदेशों में बहुत ज्यादा है.

सतना. अगर आप भी कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमाने वाली खेती की तलाश कर रहे हैं, तो फालसा का नाम आपकी सूची में ज़रूर शामिल होना चाहिए. यह फल भारत में भले ही विदेशी माना जाता हो, लेकिन इसकी डिमांड देशभर में तेजी से बढ़ रही है. सतना के हाई-टेक किसान चंदन सिंह ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि उन्होंने अपनी बगिया में फालसा का पेड़ लगाया है, जिसकी कलम उन्होंने दक्षिण अफ्रीका से मंगवाई थी. आज यह फल न सिर्फ स्वाद बल्कि औषधीय गुणों की वजह से लोगों के बीच खास पहचान बना चुका है.

औषधीय गुणों से भरपूर फल
बघेलखंड में फालसा को प्राकृतिक वैद्य भी कहा जाता है. क्योंकि इसमें विटामिन सी, एंटीऑक्सीडेंट और कई खनिज पाए जाते हैं. यह पाचन क्रिया को मजबूत करता है, रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है और शरीर को ऊर्जा देने का काम करता है. इसमें कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेशियम और आयरन जैसे तत्व होते हैं, जो शरीर के समुचित विकास के लिए बेहद जरूरी हैं. यही कारण है कि बघेलखंड के कई लोग अब इसे अपने घर और बगिया में लगाने लगे हैं और इसके औषधीय गुणों का भरपूर इस्तेमाल भी करते है.

खेती की तकनीक और उत्पादन
चंदन ने बताया कि ज्यादातर फालसा को ग्राफ्टिंग तकनीक से उगाया जाता है. खास बात यह है कि पौधा दो साल में तैयार हो जाता है और पांच साल की उम्र तक आते-आते हर पेड़ से कम से कम 3 से 4 किलो फल मिलने लगता है. कम समय और कम लागत में अच्छी पैदावार मिलने की वजह से किसानों का रुझान भी फालसा की खेती की ओर तेजी से बढ़ रहा है.

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती मांग
हालांकि इसकी उत्पत्ति दक्षिण अफ्रीका से मानी जाती है, लेकिन आज फालसा की खेती भारत, नेपाल, पाकिस्तान, थाईलैंड, लाओस और कंबोडिया जैसे देशों में बड़े पैमाने पर हो रही है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी इसकी मांग लगातार बढ़ रही है जिससे किसानों को निर्यात के मौके भी मिल सकते हैं.

फालसा की खेती में पानी और खाद की जरूरत बहुत कम होती है और एक बार लगाने के बाद यह लंबे समय तक फल देता रहता है. यही वजह है कि सतना समेत पूरे प्रदेश में अब धीरे-धीरे फालसा की बगिया सजने लगी हैं. किसान मानते हैं कि यह फल भविष्य में खेती और व्यापार दोनों ही स्तरों पर उन्हें मालामाल कर सकता है.

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a…और पढ़ें

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