‘ड्रेस चोर’ कहने पर छात्रा ने किया था सुसाइड: सहेली बोलीं- टीचर दो साल से कर रहे थे प्रताड़ित, इस बार सह नहीं सकी – Madhya Pradesh News

‘ड्रेस चोर’ कहने पर छात्रा ने किया था सुसाइड:  सहेली बोलीं- टीचर दो साल से कर रहे थे प्रताड़ित, इस बार सह नहीं सकी – Madhya Pradesh News


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ये कहते हुए रानी की आंखें नम हो जाती है। वो जिस पार्वती का जिक्र कर रही है वह उसकी बेस्ट फ्रेंड थी। वह इस बात से भी आत्मग्लानि से भरी है कि जिस ड्रेस को चुराने का आरोप पार्वती पर लगाया गया था, उसे वह उसी के लिए लाई थी। दरअसल, 14 अगस्त को मनावर के गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल की स्टूडेंट पार्वती ने अपने घर में सुसाइड कर लिया था।

सुसाइड से पहले उसने 8 लाइन का एक सुसाइड नोट लिखा। इसमें उसने स्कूल की टीचर सारिका ठाकुर, लक्ष्मी मंडलोई और आरती चौहान पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया था। पार्वती के सुसाइड नोट के बाद प्रशासन ने संविदा टीचर आरती चौहान को सेवा से हटा दिया है और सारिका ठाकुर और लक्ष्मी मंडलोई का ट्रांसफर कर दिया है।

वहीं इस पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी है। पढ़िए क्या है मामला जिसकी वजह एक होनहार स्टूडेंट ने सुसाइड कर लिया।

टीन की छत का मकान, पिता कपड़े प्रेस करते हैं भास्कर की टीम मनावर में पार्वती के घर पहुंची। यहां उसके पिता मोहन वर्मा से मुलाकात हुई। उन्होंने बताया कि 14 अगस्त को वो स्कूल से घर आई और ड्रेस लेकर वापस स्कूल चली गई थी। मैं दिनभर यहीं पर कपड़े प्रेस करता हूं। जब शाम को वह घर लौटी तो गुमसुम थी।

मैंने उससे पूछा कि बेटा वह ड्रेस क्यों वापस कर दी? तू परेशान तो नहीं है ठीक है ना? उसने मुझसे कहा कि मैं ठीक हूं। वो गुमसुम तो थी लेकिन इतना बड़ा कदम उठाएगी मुझे ऐसा लगा नहीं था। शाम को जब ग्राहकों को प्रेस के कपड़े देकर वापस लौटा तो मेरी बेटी मुझसे दूर जा चुकी थी। उसे फंदे पर लटकता देख मैं बदहवास हो गया था।

मोहन बताते हैं कि मेरी बेटी पढ़ने में बहुत तेज थी। 10वीं, 11वीं हर क्लास में फर्स्ट डिवीजन आई थी। उससे किसी का झूठ बर्दाश्त नहीं होता था। कहीं भी गलत देखती थी तो उसका विरोध जरूर करती थी। उसने सुसाइड नोट में तीन टीचरों के नाम लिखे। हमें तो पता ही नहीं था कि टीचर उसे इस कदर परेशान कर रहे थे।

मां बोली- उसने मुझसे भी कभी परेशानी शेयर नहीं की घर के ही कमरे में उदास बैठी पार्वती की मां आशा ने बताया कि आज तक उसने कभी ऐसी कोई बात नहीं बताई, जिससे ये समझ आता कि वह इतना बड़ा कदम उठाने वाली है। 14 अगस्त को मैंने उससे फोन पर बात की थी। उससे पूछा था कि तू ठीक है। ज्यादा दिक्कत हो तो मैं घर आ जाती हूं।

उसने मुझसे कहा था कि आप साल भर में एक बार अपने भाई के घर जाती हो, कुछ दिन उनके पास रह लो। उसी के कहने पर राखी के बाद मैं इतने दिन भाई के घर रुक गई थी। अष्टमी के बाद उसकी परीक्षाएं भी चालू होने वाली थी। पढ़ाई को लेकर वह बहुत सीरियस थी। आशा गुस्से में कहती है कि जिन लोगों की भी वजह से मेरी बेटी ने ऐसा कदम उठाया है उन्हें इसकी कड़ी से कड़ी सजा मिलना चाहिए।

बहन ने बताया- गलती बताने पर टीचर गुस्सा होते थे पार्वती की बहन निशा बताती है कि मैं भी उसी स्कूल में पढ़ी हूं। स्कूल में अगर टीचर कुछ गलत पढ़ाते या गलत बताते, तो पार्वती उन्हें टोक देती थी। ऐसा कहने पर टीचर गुस्सा हो जाती थी। पार्वती पढ़ने में तेज थी। अंग्रेजी के शब्दों की स्पेलिंग उसे अच्छी तरह याद थी।

टीचर जब कुछ गलत लिख देती थी, तो वह उन्हें टोक कर कहती कि मैडम आपने स्पेलिंग गलत लिखी है। मैडम स्पेलिंग ठीक तो करती थी, लेकिन उसे बहुत भला बुरा कहती थी। निशा कहती है कि मेरी बहन किसी से डरती नहीं थी। उसे जो गलत लगता था उसे गलत ही कहती थी।

पिता मोहन पार्वती की मार्कशीट दिखाते हुए। 10वीं और 11वीं में वह फर्स्ट डिवीजन पास हुई थी।

पिता मोहन पार्वती की मार्कशीट दिखाते हुए। 10वीं और 11वीं में वह फर्स्ट डिवीजन पास हुई थी।

सहेली पिछले तीन दिन से डिप्रेशन में पार्वती के सुसाइड से सबसे ज्यादा आहत उसकी सहेली रानी है। वह पिछले तीन दिनों से पार्वती की तस्वीर को अपने सीने से चिपकाए बैठी है। भास्कर की टीम पर रानी के घर पहुंची तो उसने पूरी कहानी बताई। रानी ने बताया कि स्कूल में स्काउट की ड्रेस मिली थी। मैं स्कूल नहीं गई थी। पार्वती अपनी और मेरी ड्रेस लेकर आ गई थी।

14 अगस्त को स्कूल में मैडम ने हम लोगों को अलग खड़ा करके पूछा कि कोई एक्स्ट्रा ड्रेस लेकर गया है। पार्वती ने बताया कि वह मेरे लिए ड्रेस ले गई है। मेरा भी स्काउट में नाम है। मैडम ने पूरी क्लास के सामने उससे कहा कि तुम सरकारी चीजों की चोरी करती हो। तुम ड्रेस चोर हो। मैडम ने उसे खूब खरी-खोटी सुनाई। इसके बाद पार्वती घर गई और वह ड्रेस लेकर लौटी। हम दोनों इस घटना के बाद बहुत उदास थे।

रानी बोली- दो साल से परेशान कर रहे थे रानी बताती है कि पिछले साल स्कूल फंक्शन के लिए हमने डांस कॉम्पिटिशन में हिस्सा लिया था। डांस की प्रैक्टिस के हमने स्कूल का एक स्पीकर लिया था। हमारी ही क्लासमेट अदिति ने हमसे वो स्पीकर मांगा था, लेकिन पार्वती ने डांस प्रैक्टिस का हवाला देते हुए स्पीकर देने से मना कर दिया। अदिति ने इसकी शिकायत टीचर्स से की।

टीचर्स ने इस बात पर पार्वती को भला बुरा कहा था। पार्वती टीचर्स को सॉरी बोलने भी गई थी, तब उन्होंने कहा कि हम तेरा सॉरी सुनने के लिए नहीं बैठे हैं। उस वक्त भी उसे बहुत बुरा लगा था। आरती, लक्ष्मी और सारिका मैडम हमेशा उसे ताने मारती थीं। साथ में ये भी कहती कि तुम्हें शिकायत करना हो तो कर दो, कोई भी हमारा कुछ बिगाड़ नहीं पाएगा।

पार्वती की बहन निशा उसकी सहेली को ढांढस देते हुए। रानी इस समय डिप्रेशन में है।

पार्वती की बहन निशा उसकी सहेली को ढांढस देते हुए। रानी इस समय डिप्रेशन में है।

स्कूल के बाकी टीचर्स बोले- उसे प्रताड़ित करते थे स्कूल के एक टीचर ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि इन टीचर्स का बर्ताव छात्रों के प्रति बहुत ही नेगेटिव था। जो छात्र इनकी हां में हां नहीं मिलाते थे, उन्हें परेशान किया जाता था। पार्वती बहुत स्पष्ट बोलने वाली और पढ़ाई में होशियार थी। स्पीकर वाली घटना के बाद से टीचर उससे नाराज थीं।

11वीं की वार्षिक परीक्षा में एक पेपर के दौरान समय पूरा होने से 10 मिनट पहले ही सारे बच्चों ने कॉपी जमा कर दी थी, लेकिन पार्वती अकेले कॉपी लिख रही थी। समय से पहले उससे भी कॉपी छीन ली थी। जब उसने प्रिंसिपल से शिकायत की, तो उल्टा उसी पर चीटिंग का आरोप लगा दिया था।

इसके बाद जब अगला पेपर था तो एक टीचर ने एक घंटे तक कॉपी लिखने के लिए नहीं दी। इतनी प्रताड़ना के बाद भी उसने 11वीं में 79% हासिल किए थे। जब वह 12वीं में पहुंची तो तीनों मैडम उसे ताना देती थी कि नकल कर उसने यह मार्क्स हासिल किए है। इसका उसे बहुत बुरा लगता था।

तीनों टीचर गायब, मैसेज का भी जवाब नहीं

घटना के बाद तीनों टीचर्स अंडर ग्राउंड हो गई हैं। दैनिक भास्कर ने सारिका ठाकुर, लक्ष्मी मंडलोई को कॉल किया, लेकिन उन्होंने रिसीव नहीं किया। वॉट्सऐप पर पक्ष जानने के लिए मैसेज भी किया। दोनों ही टीचर्स ने मैसेज को देख तो लिया, लेकिन जवाब नहीं दिया। वहीं, आरती चौहान का फोन छह महीने पहले खराब हो गया था। उन्होंने इसे रिपेयर नहीं करवाया। फिलहाल वह फोन नहीं रखती हैं।

अधिकारी बोले- जांच टीम की रिपोर्ट पर कार्रवाई करेंगे ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सत्यनाम सूर्यवंशी ने बताया कि मुझे 15 अगस्त की सुबह ही इस घटना की जानकारी मिली थी। पार्वती ने सुसाइड नोट में जिन तीन टीचर्स का जिक्र किया है, उनमें से एक अतिथि शिक्षक आरती चौहान की सेवाएं समाप्त कर दी है। वहीं लक्ष्मी मंडलोई और सारिका ठाकुर का 15 अगस्त को ही तत्काल प्रभाव से ट्रांसफर कर दिया है।

इसके साथ ही विभाग ने एक तीन सदस्य जांच कमेटी बनाई है जो बच्चियों से बात कर अपनी रिपोर्ट देगी। इसी के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। स्कूल की छात्राओं ने इससे पहले भी इन टीचर्स के खिलाफ शिकायत की थी। ये पूछने पर वे बोले- इस घटना के पहले हमारे पास कोई भी शिकायत नहीं आई थी।

वही इस मामले की जांच अधिकारी एसडीओपी अनु बेनीवाल ने बताया कि हमने पार्वती के परिजन और दोस्तों के बयान दर्ज किए हैं। इसके अलावा स्कूल टीचर्स के भी बयान लिए हैं।

इनपुट सहयोग – निलेश जैन, मनावर



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