बैतूल : अनंत चतुर्दशी पर नदी में बहते मिले पीएम जनधन योजना के हज़ारों ATM कार्ड | betul – News in Hindi

बैतूल : अनंत चतुर्दशी पर नदी में बहते मिले पीएम जनधन योजना के हज़ारों ATM कार्ड | betul – News in Hindi


इन जनधन कार्डों का उपभोक्ताओं तक ना पहुंचना बैंक अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सीधा सवाल है.

स्थानीय लोगों ने बोरियों में भरे एटीएम (ATM) कार्डों को बहते पानी से बाहर निकाला तो ये सभी कार्ड सेंट्रल बैंक (CENTRAL BANK) की भीमपुर ब्रांच के निकले. इन कार्डों में से अधिकतर में चिप नहीं थी

बैतूल.एक तरफ देश  डिजिटल बनता जा रहा है, वहीं बैतूल (betul) के भीमपुर ब्लॉक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी जनधन योजना के हज़ारों एटीएम कार्ड (ATM Cards) 5 बोरियों में भरकर नदी में बहाए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. भीमपुर से सटी एक पहाड़ी नदी में एटीएम कार्डों से भरी बोरियां दिखने के बाद हड़कम्प मच गया है.

स्थानीय लोगों ने बोरियों में भरे एटीएम कार्ड बहते पानी से बाहर निकाले तो ये सभी कार्ड भीमपुर की सेंट्रल बैंक ब्रांच के निकले. इन कार्ड्स में से अधिकतर में चिप नहीं थी और कुछ में चिप भी थी. कार्ड्स पर बाकायदा उपभोक्ताओं के नाम भी हैं. ऐसा लगता है कि इन सभी कार्ड्स को उपभोक्ताओं तक समय पर पहुंचाया नहीं गया जिससे इनकी वैद्यता खत्म हो चुकी थी. लेकिन नियमों के अनुसार बिना वैद्यता वाले एटीएम कार्डों को एक निश्चित प्रक्रिया के तहत डिस्पोज किया जाना चाहिए था जो शायद नहीं किया गया और उन्हें कचरे की तरह नदी में बहा दिया गया.

बैंक अफसरों से पूछताछ
इस मामले में सेंट्रल बैंक भीमपुर ब्रांच को सूचना मिलने के बाद ब्रांच मैनेजर से पूछताछ जारी है. वहीं इस घटना से बैंक के जिम्मेदारों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं. बैंक के उच्चाधिकारियों तक बात पहुंचने के बाद हड़कम्प मचा हुआ है और मामले की उच्चस्तरीय जांच होने की पूरी उम्मीद है.

पहले भी हुए विवाद
सेंट्रल बैंक की भीमपुर ब्लॉक की ब्रांच की कार्यप्रणाली को लेकर पहले भी कई बार विवाद हो चुके हैं. कभी फर्जी लोन के मामले तो कभी भोलेभाले आदिवासियों से ठगी के कई मामले यहां सामने आ चुके हैं. लेकिन इस बार देश के प्रधानमंत्री की सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं में से एक जनधन योजना से जुड़ा मामला सामने आने पर इसकी उच्चस्तरीय जांच होना लाजमी है. क्योंकि इन जनधन कार्डों का उपभोक्ताओं तक ना पहुंचना बैंक अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सीधा सवाल है.





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