Senior Scientists and Agricultural Officers Observed Urad, Soybean and Groundnut Crops | वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं कृषि अधिकारियों ने उड़द, सोयाबीन एवं मूंगफली फसलों का अवलोकन किया

Senior Scientists and Agricultural Officers Observed Urad, Soybean and Groundnut Crops | वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं कृषि अधिकारियों ने उड़द, सोयाबीन एवं मूंगफली फसलों का अवलोकन किया


टीकमगढ़15 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डाॅ. बीएस किरार, वैज्ञानिक डाॅ. एसके सिंह, डाॅ. यूएस धाकड़ एवं वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी मेहश जैन, जतारा व उमाषंकर यादव, बीटीएम द्वारा पिछले दिनों गांव करमौरा, पिपरट, बल्देवपुरा, मांची विखं जतारा में डालचन्द्र प्रजापति, लक्षमण प्रसाद अहिरवार, नन्दराम यादव, सिब्बा आदिवासी, राघवेन्द्र प्रजापति, कल्ला कुशवाहा, गोरेलाल कुशवाहा, नीरज पाल आदि किसानों के साथ उड़द, सोयाबीन, तिल, मूंगफली फसलों का अवलोकन किया गया।

अगस्त माह में लगातार बारिश के कारण फसलों में कीट-व्याधियों का प्रकोप बढ़ा है। उड़द एवं सोयाबीन मेें पीला मोजेक रोग, एवं पत्ती खाने वाली इल्लियां (सेमीलूपर, तम्बाखू इल्ली एवं कम्बल कीट) के प्रकोप बढ़ने से पौधों की पत्तियों एवं फूलों को नुकसान पहुंचा है। साथ ही किसानों द्वारा फसलें छिड़ककर घनी बुवाई करने से पौधे की बढ़वार अधिक हुई है और इल्लियों एवं बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ा है। किसानों ने उड़द, सोयाबीन, तिल एवं मूंगफली के पुराने बीजों को बिना बीजोपचार कर बुवाई करने से कीट-रोंगों की समस्या अधिक आती है।

उड़द एवं सोयाबीन फसल में समय पर रोग एवं कीट नियंत्रण के लिए सही फफूंदनाशक एवं कीटनाशक दवा का प्रयोग नहीं किया है और फसलों में इल्लियों द्वारा फूल खाकर नीचे गिरा दिया है। जिससे पौधों में पर्याप्त फलियां नहीं बनी है। साथ ही अधिकांश किसान लगातार एक ही खाद डीएपी का प्रयोग कर रहा है, जिससे तिलहनी एवं दलहनी फसलों को पर्याप्त मात्रा में सल्फर पोषक तत्व न मिलने से फली में दाना न बनना या छोटा रह जाता है। इसलिए किसानों को प्रशिक्षणों एवं अन्य माध्यमों से दलहनी एवं तिलहनी फसलों में सिंगल सुपर फास्फेट 125 से 150 किग्रा. प्रति एकड़ डालने की सलाह दी गई है।

साथ ही किसान बुवाई में अधिक बीज का प्रयोग छिड़काव विधि से करता है। फसल अधिक घनी होने के कारण फसल को पर्याप्त पोषक तत्व (न्यूट्रीएन्ट) नहीं मिल पाता है, जिससे फसल की बढ़वार अधिक और फूल व फलियों कम बनती है। अभी किसान तत्काल पत्ती खाने वाली इल्लियों के नियंत्रण के लिए क्विनालफांस 25 ईसी या इण्डोक्साकार्ब या लेम्बडासायहलोथ्रिन, थायोमिथोक्साम दवा का उचित घोल बनाकर छिड़काव करें।

0



Source link