ऋषि पंचमी 2025: पूजा का सही समय, नियम, महत्व और लाभ, एक क्लिक में पूरी जानकारी; Rishi Panchami Kab Hai

ऋषि पंचमी 2025: पूजा का सही समय, नियम, महत्व और लाभ, एक क्लिक में पूरी जानकारी; Rishi Panchami Kab Hai


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Rishi Panchami 2025: भाद्रपद महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी पर्व मनाया जाता है. ऋषि पंचमी नाम से ही पता चलता है कि इस दिन ऋषियों से जुड़ा महत्व है. इस दिन महिलाओ विशेष रूप से व्रत रखती है.

ऋषि पंचमी 2025. हिंदू धर्म में महिलाओं के लिए कई प्रकार के व्रतों का विधान है. वहीं एक ऐसा ही व्रत ऋषि पंचमी का भी है. भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी का व्रत किया जाता है.  इस दिन विशेष रूप से सप्त ऋषियों की पूजा की जाती है. धर्म ग्रंथों के अनुसार इस दिन जाने-अनजाने में की गई गलतियों की क्षमा याचना से वे क्षमा योग्य हो जाती है. इसलिए महिलाए इस दिन व्रत धारण करती है. आइए उज्जैन के आचार्य से जानते है इस बार यह व्रत कब आ रहा है.

पंचांग के मुताबिक, हर साल यह पर्व गणेश चतुर्थी के अगले दिन पड़ता है. इस पर्व के दिन सप्त ऋषियों के प्रति श्रद्धा भाव व्यक्त किया जाता है. इस दिन गंगा स्नान का भी विशेष महत्व है. इस बार ऋषि पंचमी 28 अगस्त 2025, गुरुवार के दिन मनाया जाएगा. वही अगर पूजन के सुबह मुहूर्त की बात करे तो 28 अगस्त को सुबह 11 बजकर 5 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 39 मिनट तक रहेगा.

महिलाओं के लिए क्यों खास है ये व्रत
मान्यता के अनुसार ऋषि पंचमी के दिन सप्तऋषि के सम्मान व्यक्त की जाती है. ऋषि पंचमी का व्रत विशेषकर महिलाएं इस व्रत को करती हैं. इस व्रत के प्रभाव से महिलाएं अपने पति के प्रति विश्वास, प्रेम तथा दीर्घायु होने की कामना करती है. इस व्रत को महिलाएं के मासिक धर्म के समय लगे पाप से छुटकारा पाने के लिए यह व्रत करती है. इस व्रत में ब्रह्मचर्य का पालन किया जाता है. इसके करने से सभी पाप से मुक्त होते है. तथा सौभाग्य का प्राप्ति होती है. ऋषि पंचमी व्रत के नियम बहुत कड़ें है व्रत करने वाले महिलाये को कठिन नियम पालन करना पड़ता है.

ऋषि पंचमी पर जरूर करें इन चीजों का दान
ऋषि पंचमी के दिन व्रत रखने वाले साधकों को सप्तऋषि की पूजा के बाद दान जरूर करना चाहिए. मान्यता है इससे व्रत का फल जल्द मिलता है. इस दिन किसी ब्राह्मण को केला, घी, शक्कर आदि का दान करें. साथ ही सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा दें. इससे साधकों को ब्राह्मण का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में आने वाली समस्याओं से मुक्ति मिलती है.

ऋषि पंचमी की पूजा विधि 
ऋषि पंचमी का व्रत करने के लिए प्रात: स्नान के बाद घर को शुद्ध कर पूजा घर में चौकी पर सप्तर्षियों की स्थापन करें और गंध, पुष्प, धूप, दीप तथा नैवेद्यादि से पूजन करें अर्घ्य दें. इसके बाद अकृष्ट (बिना बोयी हुई) चीजें का आहार करके ब्रह्मचर्य पालन करें.

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a…और पढ़ें

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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.



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