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Cotton Farming Tips: गुलाबी इल्ली कपास के लिए बेहद खतरनाक है. यह फसल को चुपचाप अंदर से खत्म करती है. कीट कपास के फूलों और डेंडू के अंदर जाकर उसे खा जाते हैं. जानें बचाव…
यदि समय पर पहचान और बचाव नहीं किया, तो खड़ी फसल बर्बाद हो सकती है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, गुलाबी इल्ली कपास के लिए बेहद खतरनाक है. यह फसल को चुपचाप अंदर से खत्म करती है. कीट कपास के फूलों और डेंडू के अंदर जाकर उसे अंदर से खा जाते हैं, जिससे न तो फसल बढ़ती है और न ही डेंडू का आकार ठीक बनता है. इस वजह से रुई की मात्रा घटती है और उत्पादन गिर जाता है. कई बार किसानों को लागत निकालना मुश्किल हो जाता है.
कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजीव सिंह बताते हैं, किसानों को अपने खेत की लगातार निगरानी करनी चाहिए. इसके लिए प्रति एकड़ में तीन फेरोमोन ट्रैप लगाएं. यदि लगातार तीन दिन तक किसी एक ट्रैप में आठ या उससे ज्यादा तितलियां आती हैं, तो समझिए इल्ली का हमला शुरू हो गया है. अगर ट्रैप नहीं है तो एक लाइन में 20 कपास के पौधे गिनें. यदि 2 या 3 पौधों के फूल मुरझाए हुए मिलें या पत्तियां सिकुड़ी हुई दिखें तो यह गुलाबी इल्ली का साफ संकेत है.
इल्ली के फसल बचाने के उपाय
गुलाबी इल्ली के लक्षण दिखने पर शुरुआत में प्रोफेनोफॉस 400 मिली प्रति एकड़ का छिड़काव करें, जिससे तितलियां नष्ट हो जाएं. इसके 8 से 10 दिन बाद डेल्टा मेथ्रिन या प्रोफेनोसायपर का उपयोग करें. यदि इसके बावजूद फूल और फली में गुलाबी इल्ली दिख रही हो, तो हिमामेटीन बेंजोइट 80 ग्राम प्रति एकड़ का छिड़काव करें. जब तक फसल में बॉल (डेंडू) पूरी तरह बन न जाएं, तब तक 15-15 दिन के अंतराल में लगातार दवा छिड़कना जरूरी है. इससे कीटों की संख्या कम होगी और फसल बची रहेगी.