जब प्यार ने तोड़ी दीवारें, शिफा ने अपनाया सनातन धर्म और महादेव के मंदिर में लिए सात फेरे

जब प्यार ने तोड़ी दीवारें, शिफा ने अपनाया सनातन धर्म और महादेव के मंदिर में लिए सात फेरे


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MP Unique Love Marriage: खंडवा में मुस्लिम युवती शिफा ने स्वेच्छा से सनातन धर्म अपनाकर नया नाम शानवी रखा और राहुल से महादेवगढ़ मंदिर में हिंदू रीति-रिवाजों से शादी की. वर्षों के प्रेम को सामाजिक मान्यता मिली.

खंडवा. खंडवा में बुधवार को एक ऐसा विवाह संपन्न हुआ, जिसने समाज में मिसाल कायम कर दी. छतरपुर की रहने वाली मुस्लिम युवती शिफा ने स्वेच्छा से सनातन धर्म अपनाया और हिंदू युवक राहुल के साथ महादेवगढ़ मंदिर में हिंदू रीति-रिवाजों से सात फेरे लिए. इस अवसर पर सैकड़ों महिलाओं ने इस पवित्र बंधन को साक्षी मानकर आशीर्वाद दिया. विवाह की विशेषता यह रही कि शिफा ने धर्म परिवर्तन के बाद नया नाम शानवी रखा और अपने प्रेम को सामाजिक मान्यता दिलाई.

प्रेम को मिली नई पहचान
शिफा और राहुल का प्रेम कॉलेज के दिनों से चल रहा था. वर्षों से रिश्ते में रहने के बावजूद धार्मिक मान्यताओं और सामाजिक दबाव के कारण उनका विवाह संभव नहीं हो पा रहा था. कई बार परिवारों की असहमति ने उन्हें अलग करने की कोशिश की, लेकिन दोनों ने एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ा. सही समय का इंतजार करने के बाद यह जोड़ा छतरपुर से खंडवा पहुंचा, जहां उन्होंने महादेवगढ़ मंदिर के संचालक अशोक पालीवाल से मुलाकात की और अपनी स्थिति बताई.

कानूनी प्रक्रिया के बाद मंदिर में शादी
अशोक पालीवाल ने पूरे मामले को समझने के बाद सबसे पहले खंडवा न्यायालय में जाकर दोनों का शपथ पत्र (एफिडेविट) तैयार कराया. इसके बाद विधिवत सनातन धर्म में शिफा का धर्म परिवर्तन कराया गया. धर्म परिवर्तन के दौरान शिफा का नया नाम शानवी रखा गया. बुधवार को महादेवगढ़ मंदिर में हिंदू रीति-रिवाजों से विवाह सम्पन्न हुआ. सैकड़ों महिलाओं की मौजूदगी ने इस विवाह को विशेष बना दिया. मंगल गीत गूंजते रहे, महिलाएं आशीर्वाद देती रहीं और मंदिर परिसर में एक अनोखी खुशी का माहौल था.

शानवी ने बताई धर्म परिवर्तन की वजह
विवाह के बाद मीडिया से बात करते हुए शानवी ने कहा, “रामायण में भगवान राम का सीता के प्रति जो त्याग और संघर्ष था, वह मुझे हमेशा प्रेरित करता रहा. इस्लाम में मुझे महिलाओं के सम्मान और बराबरी का दर्जा महसूस नहीं हुआ, लेकिन सनातन धर्म में मुझे यह मिला. राहुल में मुझे मर्यादा और सच्चाई नजर आई. इसलिए मैंने समाज की परवाह किए बिना यह निर्णय लिया.”
लाल जोड़े में सजी शानवी ने कहा कि राहुल के प्रति अटूट विश्वास और प्रेम ही उसकी सबसे बड़ी ताकत रहा. वहीं राहुल ने कहा, “आज मेरे जीवन का सबसे बड़ा दिन है. शानवी ने मेरे साथ जीवन बिताने का साहस दिखाया, मैं उसका आभारी हूं. हम अब एक नई जिंदगी की शुरुआत कर रहे हैं.”

सावन में बना यादगार पल
विवाह सावन के पवित्र महीने में हुआ, जिसकी वजह से इसका महत्व और बढ़ गया. मंदिर परिसर को फूलों और रोशनी से सजाया गया था. महिलाओं ने पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ भजन-कीर्तन गाए और वर-वधू के आंचल पर अक्षत व फूल बरसाए. महादेवगढ़ संचालक अशोक पालीवाल ने नवदंपति को रामायण की प्रति भेंट की और उन्हें जीवन में आने वाले हर संकट का सामना धैर्य से करने की सीख दी.

धर्म रक्षा अभियान का हिस्सा
अशोक पालीवाल ने बताया कि जनवरी से अब तक महादेवगढ़ मंदिर में लगभग एक दर्जन युवक-युवतियों का धर्म परिवर्तन कराया गया है. जो युवक-युवतियां दूसरे धर्म से सनातन में लौटना चाहते हैं, उन्हें पहले विधिवत धर्म परिवर्तन की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है. इसके बाद विवाह की इच्छा रखने वालों का विवाह हिंदू रीति-रिवाजों से कराया जाता है.

समाज में बनी चर्चा
इस विवाह की चर्चा पूरे एमपी में हो रही है. बड़ी संख्या में महिलाएं मंदिर में मौजूद रहीं और इस अनोखे प्रेम विवाह की साक्षी बनीं. सभी ने शानवी और राहुल के साहस की सराहना की और उन्हें सुखी जीवन का आशीर्वाद दिया.

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a…और पढ़ें

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