कान्हा के हाथी छुट्टी पर…अब नहाएंगे, मेकअप करेंगे, जमकर खाएंगे फेवरेट फूड, जानें अनोखी परंपरा

कान्हा के हाथी छुट्टी पर…अब नहाएंगे, मेकअप करेंगे, जमकर खाएंगे फेवरेट फूड, जानें अनोखी परंपरा


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Kanha National Park News: कान्हा नेशनल पार्क के मुक्की जोन में 17 हाथियों के लिए 31 अगस्त से 6 सितंबर तक रिजुवेनेशन कैंप चल रहा है, जिसमें हाथियों की खास देखभाल और स्वास्थ्य जांच हो रही है.

Balaghat News: मध्य प्रदेश का कान्हा नेशनल पार्क क्षेत्रफल के नजरिए से देश का सबसे बड़ा नेशनल पार्क है. ऐसे में यहां पर कई सारे वन्य प्राणी मौजूद हैं, जिसे देखने के लिए देश भर से लोग आते हैं. कान्हा नेशनल पार्क मध्य प्रदेश के बालाघाट और मंडला जिले में स्थित है. इस नेशनल पार्क का मैनेजमेंट सिर्फ कर्मचारी या अधिकारी नहीं करते, वहां पर हाथियों का भी अहम योगदान है. लेकिन, अब 17 हाथी छुट्टी पर हैं. इस बीच उन्हें नहलाया-धुलाया जाएगा. उनका मेकअप किया जाएगा. उनकी तरह-तरह से खातिरदारी की जाएगी. जानिए पूरा माजरा…

कान्हा नेशनल पार्क में हाथियों का वैकेशन
कान्हा नेशनल पार्क में हर साल हाथियों के लिए रिजुवेनेशन कैंप चलता है. इस बार ये कैंप 31 अगस्त से लेकर 6 सितंबर तक चलेगा. बालाघाट के कान्हा नेशनल पार्क में मुक्की जोन में इस फेस्टिवल का शुभारंभ बालाघाट रेंज के आईजी संजय सिंह ने हाथियों को तिलक लगाकर और फल खिलाकर किया. कान्हा के जंगलों की असली शान कहे जाने वाले हाथियों को इस दौरान आराम और देखभाल का खास तोहफा मिल रहा है. बता दें कि ये खास परंपरा साल 2015 से चली आ रही है.

हाथियों का मेकअप और खानें में मिलेगी फेवरेट डिश
कान्हा नेशनल पार्क का मुक्की जोन में हो रहे इस फेस्ट में 17 हाथियों को शामिल किया गया है. इसमें हर दिन उन्हें नहलाया जाएगा और नीम और अरंडी के तेल से जमकर मालिश की जाएगी. ये काम एक बार सुबह फिर शाम को भी किया जाएगा. इतना ही नहीं, हाथियों को उनका फेवरेट खाना भी खिलाया जाएगा. इसमें उनकी मनपसंद थाली गुड़, गन्ना और ताज़े फलों का भोज भी दिया जाएगा. सके अलावा हाथियों को अतिरिक्त खुराक के रूप में विटामिन, मिनरल्स, केला, मक्का, आम, नारियल, अनानास, पपीता, गुड़ और रोटी आदि परोसे जाएंगे.

हाथियों का हेल्थ चेकअप भी होगा
हाथियों की छुट्टी के दौरान उनकी हेल्थ का भी ध्यान रखा जाएगा. वहीं, हाथियों का ब्लड टेस्ट भी होगा. और उनके नाखूनों की ड्रेसिंग, पेट के कीड़ों की दवा से सफाई भी की जाएगी. अगर जरूरत पड़ी तो दांत की भी कटाई की जाएगी. वहीं इस कैंप में हाथियों के साथ महावत भी सेवा का पूरा फायदा उठाएंगे. इस दौरान उनके स्वास्थ्य की पूरी जांच होगी और उनके मनोरंजन की पूरी व्यवस्था भी होगी.

इसलिए जरूरी है ये त्योहार
यह महोत्सव दरअसल उन मेहनती हाथियों के लिए है, जो सालभर जंगल की सुरक्षा, गश्त और पर्यटकों की सेवा में जुटे रहते हैं. एक तरह से यह महोत्सव उनके आराम और सुकून का त्योहार है. फील्ड डायरेक्टर का कहना है कि यह आयोजन सिर्फ हाथियों की सेवा ही नहीं, बल्कि मानव और वन्यजीवों के बीच रिश्तों को और मजबूत करने का प्रतीक है.

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