अगले 4 दिन पूरे एमपी में हल्की बारिश का दौर: भोपाल, इंदौर-उज्जैन में रिमझिम पानी गिरेगा; जबलपुर-ग्वालियर में गरज-चमक – Bhopal News

अगले 4 दिन पूरे एमपी में हल्की बारिश का दौर:  भोपाल, इंदौर-उज्जैन में रिमझिम पानी गिरेगा; जबलपुर-ग्वालियर में गरज-चमक – Bhopal News


भोपाल के भदभदा डैम, मंदसौर के गांधी सागर डैम और रायसेन के हलाली डैम खोले गए हैं।

मध्यप्रदेश में अगले 4 दिन हल्की बारिश का दौर रहेगा। स्ट्रॉन्ग सिस्टम के कमजोर होने से रविवार को कहीं भी भारी बारिश का अलर्ट नहीं है। इस दौरान भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर और जबलपुर में रिमझिम पानी ही बरसेगा।

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इससे पहले प्रदेश के कई जिलों में नदी-नाले उफान पर रहे और डैम ओवरफ्लो हो गए। कैचमेंट एरिया और सीहोर जिले में बारिश होने के बाद भोपाल के बड़ा तालाब में पानी का लेवल 1666.80 फीट तक पहुंच गया। इसके चलते भदभदा डैम के गेट सीजन में पहली बार खुले हैं। रायसेन में हलाली बांध के 3 गेट 2-2 मीटर तक खोले गए।

रतलाम में खाचरौद रोड पर कुछ परिवार बच्चों के साथ पानी के बीच फंस गए। एसडीईआरएफ की टीम ने देर रात सभी लोगों को रेस्क्यू किया। गुना में सुबह धूप खिली, लेकिन दोपहर में बारिश का दौर शुरू हो गया। शनिवार को हल्की बारिश का दौर जारी रहा। भोपाल, बैतूल, गुना, नर्मदापुरम, इंदौर, पचमढ़ी, रतलाम, उज्जैन, सागर, बालाघाट समेत कई जिलों में बूंदाबांदी हुई।

शनिवार को बारिश की तस्वीरें…

भोपाल का बड़ा तालाब फुल टैंक लेवल तक भरने से भदभदा डैम का एक गेट खुल गया।

भोपाल का बड़ा तालाब फुल टैंक लेवल तक भरने से भदभदा डैम का एक गेट खुल गया।

हलाली डैम के 3 गेट 2-2 मीटर तक खोले गए।

हलाली डैम के 3 गेट 2-2 मीटर तक खोले गए।

इंदौर में नाले किनारे बना तीन मंजिला मकान ढह गया।

इंदौर में नाले किनारे बना तीन मंजिला मकान ढह गया।

कई जिलों में बारिश का दौर बना रहा सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया, प्रदेश में शनिवार को बारिश के दो स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव रहे। इनमें एक मानसून समेत दो टर्फ शामिल हैं। इस वजह से कई जिलों में बारिश का दौर रहा, लेकिन रविवार को कहीं भी तेज बारिश का अलर्ट नहीं है।

एमपी में 41 इंच बारिश, सामान्य की 110 प्रतिशत मौसम विभाग के अनुसार, एमपी में अब तक 40.6 इंच बारिश हो चुकी है, जो सीजन की 111 प्रतिशत है। वहीं, अब तक 32.8 इंच बारिश होनी थी। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। पिछले मानसूनी सीजन में औसत 44 इंच बारिश हुई थी।

गुना में 63.8 इंच बारिश, श्योपुर-मंडला भी आगे इस बार बारिश के मामले में गुना सबसे बेहतर है। यहां 63.8 इंच बारिश हो चुकी है। गुना में सामान्य से 30.6 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। श्योपुर में 56 इंच, मंडला में 55.9 इंच, अशोकनगर में 53.9 इंच और रायसेन में 55.8 इंच बारिश हुई है। वहीं, सबसे कम बारिश वाले 5 जिले इंदौर और उज्जैन संभाग के हैं। खरगोन में सबसे कम 25.6 इंच, बुरहानपुर में 25.8 इंच, शाजापुर में 26.2 इंच, खंडवा में 26.4 इंच और बड़वानी में 26.5 इंच बारिश हो चुकी है।

एमपी में अब तक इतनी बारिश…

ग्वालियर, चंबल-सागर सबसे बेहतर एमपी में जब से मानसून एंटर हुआ, तब से पूर्वी हिस्से यानी, जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तेज बारिश हुई है। यहां बारिश के स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव रहे। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़, उमरिया समेत कई जिलों में बाढ़ आ गई। इसके अलावा ग्वालियर-चंबल में भी मानसून जमकर बरसा है। प्रदेश के 22 जिलों में बारिश का कोटा फुल हो गया है।

अगले 2 दिन ऐसा रहेगा मौसम…

अब जानिए, एमपी के 5 बड़े शहरों में बारिश का रिकॉर्ड…

भोपाल में 4 साल से कोटे से ज्यादा बारिश भोपाल में सितंबर महीने की औसत बारिश 7 इंच है, लेकिन पिछले 4 साल से कोटे से ज्यादा पानी बरस रहा है। ओवरऑल रिकॉर्ड की बात करें तो साल 1961 में पूरे सितंबर माह में 30 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। वहीं, 24 घंटे में सर्वाधिक 9.2 इंच बारिश का रिकॉर्ड 2 सितंबर 1947 को बना था।

इस महीने औसत 8 से 10 दिन बारिश होती है। वहीं, दिन में तापमान 31.3 डिग्री और न्यूनतम तापमान 22.2 डिग्री सेल्सियस तक रहता है।

इंदौर में सितंबर में रिकॉर्ड 30 इंच बारिश इंदौर में सितंबर महीने में रिकॉर्ड 30 इंच बारिश हो चुकी है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है, जो साल 1954 में बना था। वहीं, 20 सितंबर 1987 को 24 घंटे में पौने 7 इंच पानी गिर चुका है। इस महीने इंदौर में औसत 8 दिन बारिश होती है, लेकिन इस बार 15 या इससे अधिक दिनों तक बारिश हो सकती है। सितंबर के आखिरी सप्ताह में मानसून की वापसी होने लगेगी।

ग्वालियर में वर्ष 1990 में गिरा था 25 इंच पानी ग्वालियर में सितंबर 1990 में 647 मिमी यानी, साढ़े 25 इंच बारिश हुई थी। यह सितंबर में मासिक बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 24 घंटे में 7 सितंबर 1988 को साढ़े 12 इंच बारिश हुई थी। सितंबर में ग्वालियर की औसत बारिश करीब 6 इंच है, लेकिन पिछले तीन साल से इससे अधिक बारिश हो रही है। ग्वालियर में इस बार अगस्त में ही बारिश का कोटा पूरा हो गया। ऐसे में सितंबर में जितनी भी बारिश होगी, वह बोनस की तरह ही रहेगी।

जबलपुर में 24 घंटे में साढ़े 8 इंच बारिश का रिकॉर्ड सितंबर महीने में जबलपुर में भी मानसून जमकर बरसता है। 20 सितंबर 1926 को जबलपुर में 24 घंटे के अंदर साढ़े 8 इंच बारिश का रिकॉर्ड है। वहीं, पूरे महीने में 32 इंच बारिश साल 1926 को हो चुकी है। यहां महीने में औसत 10 दिन बारिश होती है। वहीं, सामान्य बारिश साढ़े 8 इंच है। पिछले 3 साल से सामान्य से ज्यादा पानी गिर रहा है।

उज्जैन में 1981 में पूरे मानसून का कोटा हो गया था फुल उज्जैन की सामान्य बारिश 34.81 इंच है, लेकिन वर्ष 1961 में सितंबर की बारिश ने ही पूरे सीजन की बारिश का कोटा फुल कर दिया था। इस महीने 1089 मिमी यानी, करीब 43 इंच पानी गिरा था। वहीं, 24 घंटे में सर्वाधिक साढ़े 5 इंच बारिश का रिकॉर्ड 27 सितंबर 1961 में ही बना था।

सितंबर महीने में उज्जैन की सामान्य बारिश पौने 7 इंच है, लेकिन पिछले दो साल से 12 इंच से ज्यादा बारिश हो रही है। इस महीने औसत 7 दिन बारिश होती है।



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