90 प्रतिशत दर्शकों से भरे दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में, भारतीयों ने ऐसा प्रदर्शन किया जिससे वे खुश होंगे. उन्हें पाकिस्तान को धूल चटाना था और उन्होंने ऐसा किया.
हार्दिक पांड्या के पहले ही ओवर में पहला विकेट लेने से लेकर कुलदीप यादव के ज़बरदस्त स्पेल तक, किसी भी समय पाकिस्तान को आसानी से रन बनाने का मौका नहीं मिला. शाहीन अफरीदी के आखिरी प्रयास में कुछ महत्वपूर्ण रन जोड़ने के अलावा, भारत हमेशा बढ़त बनाए रखता था. और अंत में, 127 का स्कोर एक बेहद शक्तिशाली भारतीय बल्लेबाजी आक्रमण के सामने कभी भी पर्याप्त नहीं था. दरअसल, पहली दो गेंदों ने भारतीय रणनीति को परिभाषित किया. शाहीन पर एक चौका और एक छक्का लगा और यह पाकिस्तान के सामने एक बिल्कुल अलग भारत था. किसी भी गेंदबाज़ को जमने नहीं दिया गया और दो विकेट गिरने के बाद भी कोई राहत नहीं मिली क्योंकि भारतीय टीम बहुत अच्छी थी.
दुबई के मैदान पर पाकिस्तान एक नहीं दो बार हारा . पहले तब जो वो बल्लेबाजी कर रहा था और दूसरा तब जब उनकी गेंदबाजी की शुरुआत हुई. मैच के पहले ओवर पहली गेंद वाइड हुई और फिर लीगल पहली गेंद पर सैम अयूब का विकेट गिरा यानि ये वो पहला झटका था जिससे पाकिस्तान उबर नहीं पाई. फिर जब गेंदबाजी करने पाकिस्तान की टीम उतरी तो फिर आई पहली गेंद जिसका मान मर्दन करने के लिए अभिषेक शर्मा ने क्रीज से बाहर आकर गेंद को बाउंड्री के पार पहुंचा दिया. ये शॉट पाकिस्तान की मनोदशा को चोट पहुंचाने के लिए काफी था.सहीं मायनों में देखे तो इन दो गेंदों ने पाकिस्तान का पूरा समीकरण बिगाड़ दिया और वो शर्मनाक तरीके से मुकाबला हार गए.
अंत में, ये कहना होगा कि पाकिस्तान जितना हमने सोचा था, उससे भी बदतर है. वे प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाए और दोनों टीमों के बीच का अंतर, कम से कम रविवार की रात बहुत ज़्यादा था. भारत एक मज़बूत टीम है और उन्हें पता है कि वे पाकिस्तान को धूल चटा सकते हैं. जिन लोगों ने मैच देखा, उनके लिए भारतीयों के खेल को देखना सुखद रहा होगा. जिन लोगों ने नहीं देखा, वे इसके हक़दार हैं, क्योंकि यह व्यक्तिगत पसंद का मामला है .
सूर्यकुमार यादव, जिनका आज जन्मदिन था, राहत महसूस कर रहे होंगे. दबाव था और उन्होंने उम्मीदों के बोझ तले दबे शानदार प्रदर्शन किया. दोनों टीमों के बीच का अंतर इतना ज़्यादा है कि 21 सितंबर को भी, जब उनकी फिर से भिड़ंत होने की उम्मीद है, पाकिस्तान से ज़्यादा उम्मीद नहीं की जा सकती. यह पूरी तरह से भारत ही है और किसी चमत्कार को छोड़कर, अगले रविवार को भी ऐसा ही रहेगाऔर हाँ, हममें से किसी को ज़्यादा जश्न मनाने की ज़रूरत नहीं है. यह एक ऐसा मैच था जो हमें खेलना ही था हमने खेला और जीत भी गए और पहली बार लगा कि पाकिस्तान कोई मुकाबला नहीं है और कुछ एसोसिएट टीमों से बस थोड़ा ही बेहतर है.