एमपी में फिर छलके डैम…पहली बार खुला कोलार: सितंबर के आखिरी सप्ताह तक ऐसा ही मौसम; मानसून की वापसी भी होगी – Bhopal News

एमपी में फिर छलके डैम…पहली बार खुला कोलार:  सितंबर के आखिरी सप्ताह तक ऐसा ही मौसम; मानसून की वापसी भी होगी – Bhopal News


भोपाल के पास कोलार डैम और कलियासोत डैम के दो-दो गेट खोल दिए गए।

देश के 4 राज्य- राजस्थान, पंजाब, गुजरात और हरियाणा से वापसी के बीच मध्यप्रदेश में मानसून जमकर बरस रहा है। कहीं हल्की तो कहीं रिमझिम बारिश हो रही है। हालांकि, प्रदेश से सिर्फ एक टर्फ ही गुजर रही है, लेकिन लोकल सिस्टम की एक्टिविटी होने की वजह से भी पान

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भोपाल के पास कोलार डैम के सीजन में पहली बार 2 गेट खुले। डैम सीहोर जिले में है, लेकिन इसके पानी से राजधानी की 40 प्रतिशत आबादी की प्यास बुझती है। शनिवार को भोपाल के ही कलियासोत के 2 और भदभदा का एक गेट खुला। अब सिर्फ केरवा डैम ही ऐसा है, जिसके गेट नहीं खुले हैं।

भोपाल, इंदौर समेत प्रदेश के 25 जिलों में बारिश

दूसरी ओर, भोपाल, इंदौर समेत प्रदेश के 25 जिलों में बारिश हुई। नर्मदापुरम में सबसे ज्यादा 1 इंच, नरसिंहपुर, शिवपुरी-खरगोन में आधा इंच पानी गिरा। भोपाल, शाजापुर, आगर-मालवा, सीहोर, देवास, राजगढ़, विदिशा, धार, इंदौर, उज्जैन, छिंदवाड़ा, दमोह, रीवा, बालाघाट, बड़वानी, मऊगंज, गुना, डिंडौरी में भी बारिश हुई।

शनिवार को हुई बारिश की तस्वीरें…

भोपाल के पास कोलार डैम के दो गेट खोल दिए गए।

भोपाल के पास कोलार डैम के दो गेट खोल दिए गए।

भोपाल के कलियासोत डैम के दो गेट खोले गए।

भोपाल के कलियासोत डैम के दो गेट खोले गए।

भोपाल-इंदौर रोड स्थित कुबरेश्वर धाम पर तेज बारिश का नजारा।

भोपाल-इंदौर रोड स्थित कुबरेश्वर धाम पर तेज बारिश का नजारा।

सेंधवा में दोपहर में अचानक मौसम बदला और तेज बारिश शुरू हो गई।

सेंधवा में दोपहर में अचानक मौसम बदला और तेज बारिश शुरू हो गई।

गुना में दोपहर बाद तेज बारिश हुई। सुबह धूप खिली हुई थी।

गुना में दोपहर बाद तेज बारिश हुई। सुबह धूप खिली हुई थी।

अभी दो सिस्टम एक्टिव मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-पूर्वी टर्फ गुजर रही है। वहीं, पूर्वी हिस्से के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवात) भी एक्टिव है। कुछ जिलों में लोकल सिस्टम के एक्टिव होने से भी बारिश हो रही है। रविवार को भी इन सिस्टम का असर देखने को मिल सकता है। ऐसे में पूरे प्रदेश में हल्की बारिश का यलो अलर्ट है।

अब तक 118 प्रतिशत बारिश हो चुकी बता दें, प्रदेश में 16 जून को मानसून ने आमद दी थी। तब से अब तक औसत 43.6 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक 36.1 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 7.5 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है। यह कोटा पिछले सप्ताह ही पूरा हो गया है। अब तक 118 प्रतिशत बारिश हो चुकी है।

एमपी में अब तक इतनी बारिश…

इंदौर-उज्जैन संभाग की तस्वीर बेहतर नहीं इस मानसूनी सीजन में इंदौर और उज्जैन संभाग की स्थिति ठीक नहीं है। यहां सबसे कम पानी गिरा है। सबसे कम बारिश वाले टॉप-5 जिलों में बुरहानपुर, बड़वानी, खंडवा खरगोन और शाजापुर शामिल हैं।

ग्वालियर, चंबल-सागर सबसे बेहतर एमपी में जब से मानसून एंटर हुआ, तब से पूर्वी हिस्से यानी, जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तेज बारिश हुई है। यहां बारिश के स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव रहे। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़, उमरिया समेत कई जिलों में बाढ़ आ गई। ग्वालियर-चंबल में भी मानसून जमकर बरसा है। यहां के सभी 8 जिलों में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है। इनमें ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर शामिल हैं। 34 में से भोपाल संभाग के चार, जबलपुर संभाग के 5, इंदौर संभाग के 3, ग्वालियर-चंबल के 8, सागर संभाग के 5, उज्जैन संभाग के 4, रीवा संभाग के 3, शहडोल-नर्मदापुरम संभाग के एक-एक जिला शामिल हैं।

गुना में सबसे ज्यादा 65.3 इंच पानी गिर चुका है। मंडला में 59.9 इंच, श्योपुर में 56.5 इंच, अशोकनगर में 55.9 इंच और शिवपुरी में 54.8 इंच बारिश हो चुकी है। वहीं, सबसे कम 26.5 इंच बारिश खरगोन में हुई। शाजापुर में 28.1 इंच, खंडवा में 28.6 इंच, बड़वानी में 29 इंच और धार में 30.5 इंच पानी गिर चुका है।

अगले 2 दिन ऐसा रहेगा मौसम…

अब जानिए, एमपी के 5 बड़े शहरों में बारिश का रिकॉर्ड…

भोपाल में 4 साल से कोटे से ज्यादा बारिश भोपाल में सितंबर महीने की औसत बारिश 7 इंच है, लेकिन पिछले 4 साल से कोटे से ज्यादा पानी बरस रहा है। ओवरऑल रिकॉर्ड की बात करें तो साल 1961 में पूरे सितंबर माह में 30 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। वहीं, 24 घंटे में सर्वाधिक 9.2 इंच बारिश का रिकॉर्ड 2 सितंबर 1947 को बना था।

इस महीने औसत 8 से 10 दिन बारिश होती है। वहीं, दिन में तापमान 31.3 डिग्री और न्यूनतम तापमान 22.2 डिग्री सेल्सियस तक रहता है।

इंदौर में सितंबर में रिकॉर्ड 30 इंच बारिश इंदौर में सितंबर महीने में रिकॉर्ड 30 इंच बारिश हो चुकी है। यह ओवरऑल रिकॉर्ड है, जो साल 1954 में बना था। वहीं, 20 सितंबर 1987 को 24 घंटे में पौने 7 इंच पानी गिर चुका है। इस महीने इंदौर में औसत 8 दिन बारिश होती है, लेकिन इस बार 15 या इससे अधिक दिनों तक बारिश हो सकती है। सितंबर के आखिरी सप्ताह में मानसून की वापसी होने लगेगी।

ग्वालियर में वर्ष 1990 में गिरा था 25 इंच पानी ग्वालियर में सितंबर 1990 में 647 मिमी यानी, साढ़े 25 इंच बारिश हुई थी। यह सितंबर में मासिक बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड है। वहीं, 24 घंटे में 7 सितंबर 1988 को साढ़े 12 इंच बारिश हुई थी। सितंबर में ग्वालियर की औसत बारिश करीब 6 इंच है, लेकिन पिछले तीन साल से इससे अधिक बारिश हो रही है। ग्वालियर में इस बार अगस्त में ही बारिश का कोटा पूरा हो गया। ऐसे में सितंबर में जितनी भी बारिश होगी, वह बोनस की तरह ही रहेगी।

जबलपुर में 24 घंटे में साढ़े 8 इंच बारिश का रिकॉर्ड सितंबर महीने में जबलपुर में भी मानसून जमकर बरसता है। 20 सितंबर 1926 को जबलपुर में 24 घंटे के अंदर साढ़े 8 इंच बारिश का रिकॉर्ड है। वहीं, पूरे महीने में 32 इंच बारिश साल 1926 को हो चुकी है। यहां महीने में औसत 10 दिन बारिश होती है। वहीं, सामान्य बारिश साढ़े 8 इंच है। पिछले 3 साल से सामान्य से ज्यादा पानी गिर रहा है।

उज्जैन में 1981 में पूरे मानसून का कोटा हो गया था फुल उज्जैन की सामान्य बारिश 34.81 इंच है, लेकिन वर्ष 1961 में सितंबर की बारिश ने ही पूरे सीजन की बारिश का कोटा फुल कर दिया था। इस महीने 1089 मिमी यानी, करीब 43 इंच पानी गिरा था। वहीं, 24 घंटे में सर्वाधिक साढ़े 5 इंच बारिश का रिकॉर्ड 27 सितंबर 1961 में ही बना था।

सितंबर महीने में उज्जैन की सामान्य बारिश पौने 7 इंच है, लेकिन पिछले दो साल से 12 इंच से ज्यादा बारिश हो रही है। इस महीने औसत 7 दिन बारिश होती है।



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