भिंड जिले के गोहद अनुविभाग के डिरमन पाली क्षेत्र में अवैध खनन ने खेती और ग्रामीण जीवन दोनों पर संकट खड़ा कर दिया है। रविवार को गोहद एसडीएम राजन बी. नाडिया ने औचक निरीक्षण कर पाया कि कृषि योग्य जमीन पर 300 से 400 फीट गहरे गड्ढे खोदकर काली गिट्टी का अव
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सूत्रों के अनुसार, डिरमन पाली व डांग सरकार एरिया में कुछ खदानें गैर कानूनी तरीके से चल रही हैं। यहां जो क्रेशर हैं वे नियमों का पालन नही कर रहे हैं न ही पर्यावरणीय मानकों का पालन हो रहा है।
ग्रामीणों में दहशत, कंपन से घर हिलते निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि क्रेशर संचालकों द्वारा की जा रही ब्लास्टिंग से गांवों में कंपन महसूस होते हैं। कई बार घरों की दीवारें हिल जाती हैं। लगातार धमाकों से लोग सहमे रहते हैं। साथ ही भूजल स्तर तेजी से नीचे जा रहा है, जिससे पीने के पानी की समस्या गंभीर रूप ले रही है।
खेतों की उर्वरक क्षमता नष्ट हो रही है और फसलों पर भी बुरा असर पड़ रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि संचालक स्थानीय दबंगों की मदद से खुलेआम खनन करते हैं, जिससे विरोध करना मुश्किल हो गया है।
क्रेशरों का भी निरीक्षण किया।
तीन क्रेशरों पर अनियमितताएं, जांच दल गठित
एसडीएम नाडिया ने निरीक्षण में अंजनी स्टोन क्रेशर, सिद्धिविनायक स्टोन क्रेशर और मां शारदा स्टोन क्रेशर पर अनियमितताएं पाई। उन्होंने तुरंत जांच दल गठित किया, जिसमें दो-दो पटवारी और राजस्व निरीक्षक शामिल किए गए हैं। क्रेशर संचालकों को नोटिस जारी कर पूछा गया है कि-
- उन्हें कितनी खनन की अनुमति मिली है?
- वास्तव में कितना खनन किया गया?
- रॉयल्टी का कितना भुगतान हुआ है?

खदाने़ं के पातालतोड़ गड्ढे। निकलने लगा पानी। बंद करे बगैर भाग जाते क्रेशर संचालन। लोग और जानवरों की.गिरकर होती मौत।
NGT को लिखा पत्र, कठोर कार्रवाई की चेतावनी एसडीएम ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के मानकों के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस मामले की रिपोर्ट NGT को भेजी गई है। यदि अवैध खनन की पुष्टि होती है, तो क्रेशर संचालकों पर कठोर दंडात्मक कदम उठाए जाएंगे।