छतरपुर में कुत्ते की अंतिम यात्रा, गंगा में विसर्जित होंगी अस्थियां, पशु-पक्षी खाएंगे तेरहवीं

छतरपुर में कुत्ते की अंतिम यात्रा, गंगा में विसर्जित होंगी अस्थियां, पशु-पक्षी खाएंगे तेरहवीं


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Chhatarpur Dog Story : छतरपुर जिले के राजनगर के पिपट गांव में एक अनोखा मामला देखने को मिला है जो पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है. एक पालतू कुत्ते की मौत पर उसका इंसानों की तरह विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया.‌

Chhatarpur Dog Story: छतरपुर जिले के राजनगर के पिपट गांव में एक अनोखा मामला देखने को मिला है जो पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है. दरअसल, राजनगर क्षेत्र के गांव पिपट के रहने वाले राम संजीवन पटेरिया ने अपने एक पालतू कुत्ते की मौत पर उसका इंसानों की तरह विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया.‌ सिर्फ राम संजीवन ही नहीं बल्कि पूरा परिवार इस डॉगी की मौत पर शोक मना रहा है.

फिलहाल, राम संजीवन डॉगी की अस्थि विसर्जन प्रयागराज कराने जा रहे हैं. वहां से लौटने के बाद अन्य क्रियाकर्म भी कराए जाएंगे. मृत्यु के तेरहवें दिन यानी 1 अक्टूबर को बड़े भोज का कार्यक्रम भी रखा गया है. इसमें पूरे गांव के डॉगी और पशु-पक्षियों को सब्जी-पूड़ी, हलवा आदि का भोज कराया जाएगा.

10 साल पहले जन्मे डॉगी की कहानी
पेट लवर राम संजीवन पटेरिया उर्फ सद्दू महाराज बताते हैं ”10 साल पहले गांव की एक गली में डॉगी ने जिसका नाम रामकली था, उसने बच्चों को जन्म दिया था. कुछ दिन बाद ही रामकली की मौत हो गई. अन्य बच्चों की भी एक-एक करके मौत हो गई. लेकिन डॉगी का एक बच्चा बच गया था. डॉगी के बच्चे को बेसहारा देखकर उन्होंने उसे गोद ले लिया. उसका नाम रखा गया तिलकधारी. इसी दौरान डॉगी का नामकरण संस्कार का आयोजन करने के लिए पूरे गांव को आमंत्रित किया गया. सबको भोज कराया गया.”

डॉगी की अंतिम यात्रा, भावभीनी विदाई दी
पिपट गांव में रहने वाले राम संजीवन पटेरिया उर्फ सिद्दू महाराज ने अपने घर में पाले गए डॉगी की मौत के बाद उसे भावभीनी विदाई दी. डॉगी की बाकायदा घर से श्मशान घाट तक अंतिम यात्रा निकाली गई. इसमें गांव के लोग बड़ी संख्या में शामिल हुए. अंतिम यात्रा में ‘राम नाम सत्य है’ के नारे लगे. विधिवत तरीके से डॉगी का अंतिम संस्कार किया. शोकसभा का आयोजन किया गया. पेट लवर सद्दू महाराज ने डॉगी के अंतिम संस्कार से पहले बाकायदा अपना मुंडन कराया.

तेरहवीं के भोज में सारे पशु-पक्षी आमंत्रित
पेट लवर राम संजीवन पटेरिया (सद्दू महाराज) बताते हैं “उनके डॉगी जिसका नाम तिलकधारी था, उसने वृद्धावस्था में दम तोड़ दिया. अब उसकी अस्थि विसर्जन प्रयागराज कराने के लिए वह जा रहे हैं. वहां से लौटने के बाद अन्य क्रियाकर्म भी कराए जाएंगे. मृत्यु के तेरहवें दिन यानि 01 अक्टूबर को बड़े भोज का कार्यक्रम रखा गया है. इसमें पूरे गांव के डॉगी और पशु-पक्षियों को सब्जी-पूड़ी, हलवा आदि का भोज कराया जाएगा.”

डॉगी के नामकरण संस्कार में मना था जश्न
नामकरण के दौरान डॉगी का नाम तिलकधारी रखा गया. उस समय जमकर जश्न मनाया गया. बैंड-बाजा, नाच-गाना के बाद लगभग 5 हजार लोगों को भोज कराया गया. एक दशक बाद तिलकधारी ने अपने मालिक के घर अंतिम सांस ली. सद्दू महाराज व उनके परिवार का डॉगी के प्रति लगाव के बारे में ग्रामीण बताते हैं कि तिलकधारी उनके घर के सदस्य की भांति था. पूरा परिवार उसे परिवार का एक सदस्य मानकर ही चलते थे.

Sumit verma

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें

सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्‍थानों में सजग जिम्‍मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें

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छतरपुर में कुत्ते की अंतिम यात्रा, अस्थियां विसर्जन के बाद तेरहवीं का आयोजन



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