मां आ गई हैं… हर कोना रोशन है, हर मन आशावान। ये नवरात्रि सिर्फ पूजा नहीं, आत्मा की यात्रा है। जहां हम खुद से फिर जुड़ते हैं, बिखरे सपनों को मां के चरणों में अर्पित करते हैं। उन्हीं के आशीर्वाद से नए सपनों को गढ़ते हैं…. और उन्हें पूरा करने के लिए
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21 फीट ऊंची मां की यह मूरत करूणाधाम आश्रम में विराजित होगी।
2500 से अधिक पंडालों में मां की मूरत विराजमान होगी।
मां के नवरूप… शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कूष्माण्डा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री।
...और नवरंग… लाल, नारंगी, पीला, हरा, नीला, आसमानी व बैंगनी के साथ मां दो रंग और लाई हैं। वो रंग है- ममता व करुणा।