लोक निर्माण विभाग (PWD) सतना में सीआरएफ योजना के तहत सड़क निर्माण कार्यों में बड़ा घोटाला सामने आया है। आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) रीवा ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर शासन से करोड़ों की राशि हड़पने के आरोप में तत्कालीन कार्यपालन यंत्री मनोज द्विवेदी और
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फर्जी एनओसी से 2 करोड़ से ज्यादा का भुगतान EOW की प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि वर्ष 2017 से 2022 के बीच सीआरएफ योजना के अंतर्गत सेमरिया-बनकुइंया से गाजन, मझियार, बकिया, लौलाछ, भटिगवां, खाम्हा, किचवरिया, इटौर, मैनपुरा, अकौना, टिकरी, खमरिया और गोरड्या मार्ग पर 46.70 किमी सड़क निर्माण कार्य कराया गया था। इस दौरान अंतिम देयक का भुगतान 27 जुलाई 2021 को किया गया।
निर्माण कार्य में विलंब के कारण ₹2.59 करोड़ की माइल स्टोन राशि विभाग ने रोक रखी थी। इस राशि को जारी कराने के लिए ठेकेदार ने रायल्टी चुकता प्रमाण पत्र का फर्जी पत्र पेश किया, जिसे रीवा कलेक्टर कार्यालय खनिज शाखा से जारी बताया गया।
पत्र कभी कलेक्टर कार्यालय से जारी ही नहीं हुआ EOW के अनुसार जिस एनओसी के आधार पर भुगतान किया गया, वह पत्र रीवा कलेक्टर कार्यालय से जारी ही नहीं हुआ। बावजूद इसके तत्कालीन कार्यपालन यंत्री मनोज द्विवेदी ने करीब 8-9 महीने बाद उस पत्र पर मार्क करते हुए भुगतान की अनुमति दे दी।
विभाग के लेखाधिकारी की आपत्ति को भी नजरअंदाज कर संविदाकार को माइल स्टोन की रोकी गई राशि जारी कर दी गई। इससे शासन को 2 करोड़ रुपए से अधिक की आर्थिक क्षति पहुंची।
गंभीर धाराओं में मामला दर्ज
घोटाले में शामिल तत्कालीन कार्यपालन यंत्री मनोज द्विवेदी, एस.आर. कन्स्ट्रक्शन दिल्ली के संविदाकार और अन्य संबंधितों के खिलाफ धारा 120बी, 409, 420, 467, 468, 471 भादवि तथा धारा 7C, 13(1)(a), 13(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है।EOW ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आने वाले दिनों में विभागीय अधिकारियों और ठेकेदार से पूछताछ के साथ ही गिरफ्तारी की कार्रवाई भी संभव है।