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कैक्टस को ज्यादातर लोग बेकार समझ लेते हैं. हालांकि, अगर इसकी खेती व्यावसायिक तौर पर की जाए तो फायदे ही फायदे हैं. बता दें कि कैक्टस का इस्तेमाल पशु चारे, चमड़ा बनाने, दवाइयां और ईधन बनाने तक में इस्तेमाल किया जाता है. जानें…
Cactus Cultivation: कैक्टस को ज्यादातर लोग बेकार समझते हैं. लेकिन, इसको खेत में लगाने के बहुत फायदे हैं. किसान इन फायदों को जानकार हैरान रह जाएंगे. कैक्टस का पेड़ प्राकृतिक खेती में उपयोगी है. यह कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित करता है और ऑक्सीजन छोड़ता है. सूखा रोधी और पर्यावरण मित्र और बहुउपयोगी होने के कारण यह कम पानी में भी तेजी से बढ़ता है. खेत की मेड़ पर लगाएं गए कैक्टस पशुओं से सुरक्षा भी करते हैं. जैविक खाद के रूप में काम आते हैं. औषधीय गुण होने के कारण किसानों की आय भी बढ़ाता है.
छतरपुर नौगांव कृषि विज्ञान केंद्र में पदस्थ डॉ. कमलेश अहिरवार बताते हैं कि कैक्टस की व्यावसायिक खेती के लिए अपुंशिया फिकस-इंडिका (कैक्टस पीयर और इंडियन फिग यानी नागफनी) सबसे मशहूर है. कैक्टस के इस पौधे में कांटे नहीं होते हैं. वहीं, इसकी खेती में पानी भी ना के बराबर लगता है, यानी सिंचाई की जरूरत ही नहीं पड़ती है. इसकी खेती की लागत बेहद कम है.
रोपाई से लेकर कटाई तक
डॉ. कमलेश अहिरवार ने बताया कि कैक्टस एक ऐसा पौधा है, जो बेहद कम पानी में भी आसानी से उग जाता है. ये सूखी और बंजर भूमि में भी अच्छी तरह पनप सकता है. उन्होंने कहा कि आमतौर पर इसे जून से लेकर नवंबर तक बोया जा सकता है. इसकी रोपाई किसान कम उपजाऊ जमीनों पर कर सकते हैं. इसकी खेती खारी मिट्टी के लिए भी उपयुक्त है. यह पौधा 5 से 6 महीने के अंतराल पर तैयार हो जाता है. शुरुआत में इसकी फसल में किसानों को दो महीने दो बार पानी देना होता है. बाद में पानी देने की प्रक्रिया को कम कर दिया जाता है. इसकी पहली कटाई तब की जाती है, जब पौधा एक मीटर ऊंचाई 5 से 6 महीने के अंतराल में पूरा कर लेता है.
पशुओं के लिए पौष्टिक चारे में इस्तेमाल
कृषि वैज्ञानिक ने कहा, कांटा रहित होने से यह पशुओं के लिए गर्मी और सूखे के समय हरे चारे का एक महत्वपूर्ण वैकल्पिक सोर्स बनता है. पशुओं को इसे काटकर चारा बनाकर खिलाया जाता है. इसमें कई सारे पौष्टिक तत्व के साथ पानी की अधिकता के चलते दुधारू पशुओं के लिए यह बेहद लाभकारी माना जाता है. इसके इस्तेमाल से पशुओं के चारे को रसीला और मीठा बनाने में मदद मिलती है.
कैक्टस के अनेकों फायदे
कैक्टस की खेती का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसकी खेती बंजर भूमि पर कम से कम पानी और न्यूनतम लागत से की जा सकती है. इसकी खेती के लिए सिर्फ बारिश का पानी ही पर्याप्त रहता है. वहीं, कैक्टस से प्राप्त बायोमास से पशु चारा, बायो फ्यूल, कृत्रिम चमड़ा, खाद्य पदार्थ, मुरब्बा, जूस, अमृत, कैंडी, मादक पेय, अचार, सॉस, शैंपू, साबुन और लोशन बनाए जा रहे हैं. ये उत्पाद बाजार में बहुत महंगी कीमत में बिकते हैं.
एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म…और पढ़ें
एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म… और पढ़ें