भिण्ड के दबोह थाना क्षेत्र के देवरी गांव में रविवार रात एक अज्ञात बाइक चालक ने राहगीर को टक्कर मार दी और मौके से फरार हो गया। हादसे में युवक गंभीर रूप से घायल होकर सड़क पर बेहोशी की हालत में पड़ा रहा। पैर और मुंह पर गहरी चोटें थीं। इसी बीच गश्त के दौ
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करीब 10 मिनट बाद वहां से गुजर रही जननी एक्सप्रेस एम्बुलेंस को रुकवाकर घायल को सिविल अस्पताल लहार भेजा गया। लेकिन यहां पहुंचने के बाद पुलिस की तत्परता और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का चौंकाने वाला फर्क सामने आया।
घायल.इलाज के लिए स्ट्रेचर पर तड़पता रहा।
अस्पताल की गैलरी में पड़ा रहा घायल एम्बुलेंस स्टाफ घायल को स्ट्रेचर पर डालकर अस्पताल की गैलरी में छोड़ गया और रिसीविंग देकर चला गया। रात 8:30 बजे तक घायल अस्पताल में दाखिल हो चुका था, लेकिन 9:30 बजे तक उसका कोई इलाज शुरू नहीं हुआ। एक घंटे तक घायल खून से लथपथ अस्पताल में तड़पता रहा, लेकिन न तो डॉक्टर आए और न ही पैरामेडिकल स्टाफ ने उसे हाथ लगाया।
स्थानीय लोगों का गुस्सा फूटा तो शैलेंद्र त्रिपाठी उर्फ राजू ने मौके पर पहुंचकर अस्पताल प्रबंधन को घेरा। हंगामे के बाद ही ट्रॉमा सेंटर में घायल का इलाज शुरू किया गया।
पुलिस की फुर्ती, अस्पताल की सुस्ती यह मामला साफ दिखाता है कि जहां पुलिस महज 5 मिनट में मौके पर पहुंचकर घायल की जान बचाने के लिए तत्पर रही, वहीं लहार सिविल अस्पताल का स्टाफ 1 घंटे तक बेसुध खड़ा रहा। पुलिस की तेजी और अस्पताल की सुस्ती ने पूरे सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दैनिक भास्कर ने जब बीएमओ डॉक्टर विजय शर्मा से बात करने की कोशिश की तो उनका मोबाइल आउट ऑफ कवरेज मिला और संपर्क नहीं हो सका। वहीं, घायल को इलाज दिलवाने वाले राजू त्रिपाठी का कहना है

यहां रोज मरीज ऐसे ही तड़पते रहते हैं, अस्पताल में कोई जिम्मेदार नजर नहीं आता। पुलिस ने तो फर्ज निभाया लेकिन अस्पताल वालों ने इंसानियत भी भुला दी।