पाकिस्तानी कप्तान के होश लगाए ठिकाने, MCC ने समझाया रन आउट का नियम

पाकिस्तानी कप्तान के होश लगाए ठिकाने, MCC ने समझाया रन आउट का नियम


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भारतीय टीम ने आईसीसी महिला वर्ल्ड कप के ग्रुप मुकाबले में पाकिस्तान को 88 रन से हराया. मुनीबा अली के रन-आउट पर विवाद हुआ, एमसीसी ने अंपायर के फैसले को सही बताया, फातिमा सना की टीम आलोचना में घिरी.

भारत और पाकिस्तान के बीच महिला वर्ल्ड कप मैच में हुआ जमकर बवाल

नई दिल्ली. भारतीय टीम के खिलाफ पाकिस्तान की महिला टीम को वनडे वर्ल्ड कप में करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा. कप्तान फातिमा सना की अगुवाई टीम 5 अक्टूबर को कोलंबो में खेलने उतरी थी और 88 रन से हार कर मुंह छिपाना पड़ा. पाकिस्तान की ओपनर मुनीबा अली के रन-आउट विवाद में वो अंपायर तक से उलझ पड़ी थीं. उनकी लंबी बहस का वीडियो सोशल पर जमकर वायरल हुआ और फैंस ने मजाक भी बनाया. आईसीसी के नियम के मुताबिक मुनीबा आउट थी जबकि फातिमा को इसका पता ही नहीं था. अब क्रिकेट कानूनों के संरक्षक एमसीसी ने इस विवाद पर साफ जवाब दिया है.

एमसीसी ने एक बयान में कहा, “एक बल्लेबाज को उसके ग्राउंड से बाहर नहीं माना जाएगा यदि वह अपने ग्राउंड की ओर दौड़ते या डाइव करते हुए और पॉपिंग क्रीज से आगे अपने शरीर या बल्ले का कुछ हिस्सा जमीन पर रखता है, और बाद में संपर्क खो देता है. इस कानून का मतलब है कि यदि आप उस छोर की ओर दौड़ते या डाइव करते हैं जहां स्टंप्स टूटे हैं, और आप अपने बल्ले या शरीर को लाइन के पीछे जमीन पर रखते हैं. आप आउट नहीं होते यदि आप फिर जमीन से संपर्क खो देते हैं और विकेट बाद में टूटता है. मुनीबा ने पैड पर लगने के बाद अपना बल्ला पॉपिंग क्रीज से आगे रखा था, और उनका बल्ला बाद में उठ गया. क्या यह कानून के तहत आता है?”

“इसका जवाब है नहीं, कानून खास तौर पर उस खिलाड़ी को कवर करता है जो दौड़ रहा हो या डाइव कर रहा हो. मुनीबा अपने ग्राउंड की ओर नहीं बढ़ रही थीं. उन्होंने पॉपिंग क्रीज से आगे गार्ड लिया था और किसी भी समय उनके पैर अपने ग्राउंड में वापस नहीं गए.”

रन-आउट कानून 2010 में पेश किया गया था

रन-आउट कानून में बदलाव 15 साल पहले किया गया था. इस कानून के तहत यदि बल्लेबाज का बल्ला क्रीज तक पहुंचने के बाद उछलता है. गेंद स्टंप्स को लगती है तो बल्लेबाज को आउट नहीं दिया जाता. मुनीबा के मामले में उन्होंने केवल अपना बल्ला उठाया था खेल की जागरूकता की कमी थी. यह कानून, जो 2010 में पेश किया गया था और कभी-कभी ‘बाउंसिंग बैट कानून’ के रूप में जाना जाता है. उस बल्लेबाज की रक्षा करता है. जो स्टंप्स की ओर बढ़ते हुए अनजाने में जमीन से संपर्क खो देता है. चाहे उसका बल्ला उछल रहा हो या दौड़ने की प्राकृतिक प्रक्रिया के दौरान उसके दोनों पैर हवा में हों. यह उस बल्लेबाज की रक्षा नहीं करता जो दूसरे रन के लिए मुड़ रहा हो, संतुलन खो रहा हो, या जो बस अपना बल्ला हवा में उठा रहा हो. तीसरे अंपायर ने इसे आउट देने में पूरी तरह सही था.”

रन लेने की कोशिश नहीं कर रही थीं, गेंद डेड नहीं थी

एमसीसी ने बताया मुनीबा का रन लेने का कोई इरादा नहीं था. उन्होंने आर. प्रेमदासा स्टेडियम में दबाव में सही फैसला लेने के लिए अंपायरों का समर्थन किया. “यह रन-आउट है. वह रन लेने की कोशिश नहीं कर रही थीं, और यह नो बॉल नहीं थी. विकेट-कीपर ने बिना किसी अन्य फील्डर के हस्तक्षेप के विकेट नहीं पर हिट किया. इसलिए अंपायरों द्वारा सही फैसला दिया गया, आउट, रन-आउट.”

Viplove Kumar

15 साल से ज्यादा वक्त से खेल पत्रकारिता से सक्रिय. Etv भारत, ZEE न्यूज की क्रिकेट वेबसाइट में काम किया. दैनिक जागरण वेबसाइट में स्पोर्ट्स हेड रहा. ओलंपिक, कॉमनवेल्थ, क्रिकेट और फुटबॉल वर्ल्ड कप कवर किया. अक्टूब…और पढ़ें

15 साल से ज्यादा वक्त से खेल पत्रकारिता से सक्रिय. Etv भारत, ZEE न्यूज की क्रिकेट वेबसाइट में काम किया. दैनिक जागरण वेबसाइट में स्पोर्ट्स हेड रहा. ओलंपिक, कॉमनवेल्थ, क्रिकेट और फुटबॉल वर्ल्ड कप कवर किया. अक्टूब… और पढ़ें

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