सरकार बेशक मिलावट के खिलाफ जंग के नारे बुलंद करे या फिर हाईकोर्ट आदेश देकर मिलावटखोरी पर नकेल कसने की सख्ती करे। लेकिन फूड सेफ्टी विभाग का अमला मैदानी स्तर पर आम दिनों में तो दूर, बल्कि त्योहारी सीजन में भी ढिलाई बरते हुए है। स्थिति यह है कि नवरात्र
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मगर फूड सेफ्टी अमला पिछले 7 दिनों में सिर्फ 4 बार जांच एवं जब्ती की कार्यवाही कर सका है। जिसमें से 3 बार सड़क पर मावा पकड़ा गया है और एक बार पिसाई सेंटर से मसाले के सैंपल हुए हैं। बाकी शहर में स्थित अंचल की सबसे बड़ी मावा मंडी मोर बाजार या फिर मिठाई और ड्रायफ्रूट्स की बड़ी दुकानों तक ये टीमें गई ही नहीं हैं।
सीएमएचओ सचिन श्रीवास्तव कहना है कि सभी फूड सेफ्टी अधिकारियों को जांच बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। टीमें कार्रवाई कर भी रही हैं, भोपाल से अभी करीब 450 जांच रिपोर्ट आना हैं। जिनके आने पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
यहां हुई अब तक जांच
- इंदरगंज चौराहे पर 1 अक्टूबर को एमपी 07 आरए 2811 नंबर की ऑटो से 558 किलोग्राम मावा जब्त किया। ये मावा भिंड से आया। हुरावली से मोर बाजार ले जाया जा रहा था। ये मावा मौ निवासी रवि यादव का निकला।
- सिरोल रोड पर 3 अक्टूबर को 2 ऑटो एमपी 07 आरए 2811 और एमपी07 आरए 0668 में 26 डलिया मावा पकड़ा गया। इस 265 किलोग्राम मावा जब्त किया। ये मावा रवि सिंह के यहां से लाया गया।
- फूड सेफ्टी टीम ने 6 अक्टूबर को दाल बाजार स्थित लक्ष्मी मसाले पिसाई सेंटर की जांच की। राकेश गोयल के इस पिसाई सेंटर से टीम ने अलग-अलग मसालों के सैंपल लिए।
- भिंड रोड पर स्थित बरेठा टोल पर 6 अक्टूबर को फूड सेफ्टी टीम ने पहुंचकर लोडिंग गाड़ी नंबर एमपी जेडवी 3291 से 47 डलिया मावा जब्त किया। 4 लाख 10 हजार रुपए का 1640 किलो ये मावा रामजीलाल निवासी बलापुरा भिंड ने भोपाल के लिए रवाना किया था।
हाईकोर्ट सख्त, अधिकारी मिलावटखोरों पर मेहरबान
मिलावटखोरी की नकेल कसने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने पिछले वर्ष आदेश दिए थे कि फूड सेफ्टी विभाग का अमला रोजाना 100 सैंपल करे। अधिकारियों का तर्क था कि इतने सैंपल संभव नहीं है। लेकिन अमला रोजाना 2-4 सैंपल भी नहीं ले पा रहा। 7 दिन में सिर्फ 3 सैंपल हुए हैं। जबकि इन दिनों बाजार में रोजाना कई सैंपल होने चाहिए थे।
लैब पर हर बार नई तारीख, 450 रिपोर्ट लंबित
फूड आयटमों के सैंपलों की जांच जल्दी हो और रिपोर्ट आने पर कार्यवाही हो सके। इसलिए ग्वालियर में संभागीय स्तर की फूड टेस्टिंग लैब 2023 में तैयार होनी थी, लेकिन अब तक इसका काम पूरा नहीं हो सका है। यह लैब कब तक शुरू होगी इसका जवाब निर्माण एजेंसी हाउसिंग बोर्ड के अधिकारी नहीं दे पा रहे हैं। वहीं ग्वालियर से गए करीब 450 सैंपलों की जांच रिपोर्ट अब तक नहीं आ सकी है।