सतना केंद्रीय जेल में कार्यरत एक बुनाई अनुदेशक पर जाली दिव्यांगता प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी हासिल करने के आरोप लगे है। इस मामले में शिकायत मिलने के बाद कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने तत्काल जांच के निर्देश दिए हैं।
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40% श्रवण बाधितता के आधार पर हुई थी नियुक्ति
जेल अधीक्षक लीना कोष्टा ने बताया कि आरोपी कर्मचारी नवनीत सिंह ठाकुर की नियुक्ति 40 प्रतिशत से अधिक श्रवण बाधितता संबंधी दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर की गई थी। अब उस प्रमाण पत्र की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
शिकायतकर्ता ने लगाए फर्जीवाड़े के आरोप
शिकायत आदर्श नगर निवासी पुनीत चतुर्वेदी द्वारा की गई है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि नवनीत सिंह ठाकुर ने फर्जी दस्तावेजों के जरिये सरकारी नौकरी प्राप्त की। शिकायत कलेक्टर कार्यालय में दर्ज कराई गई थी, जहां से यह मामला जांच के लिए जेल अधीक्षक को सौंपा गया।
आरोप सही मिलने पर होगी मेडिकल जांच
जेल अधीक्षक ने बताया कि मामले की विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। यदि प्रारंभिक जांच में आरोप सही पाए जाते हैं, तो मेडिकल बोर्ड से दिव्यांगता का परीक्षण कराया जाएगा। साथ ही, जेल विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को भी इस प्रकरण की जानकारी दे दी गई है।
फर्जीवाड़ा साबित होने पर हो सकती है कार्रवाई
अगर जांच में यह सिद्ध होता है कि नवनीत सिंह ठाकुर ने फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाई है, तो उन पर कड़ी विभागीय और कानूनी कार्रवाई हो सकती है।