कुदरत से निकला कमाल! खजुराहो में चल पड़ा ‘बांस के कपड़ों’ का ट्रेंड, कीमत इतनी कम कि लोग लाइन में

कुदरत से निकला कमाल! खजुराहो में चल पड़ा ‘बांस के कपड़ों’ का ट्रेंड, कीमत इतनी कम कि लोग लाइन में


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Bamboo Clothes in Khajuraho: एमपी के खजुराहो में बांस से बने कपड़ों की डिमांड बढ़ती जा रही है. इन कपड़ों की खासियत ये है तकि इन्हें धुलने के बाद प्रेस करने की भी जरूरत नहीं पड़ती है.

मध्य प्रदेश के खजुराहो को कला और संस्कृति के लिए दुनियाभर में जाना जाता है. अगर आप खजुराहो घूमने आते हैं, तो यहां के बांस से बने दुपट्टे खरीदकर भी ले जा सकते हैं. साथ ही यहां बांस से बने लोअर, शॉर्ट्स, टी-शर्ट, कुर्ते, कुर्ती, प्लाजो, गाउन और साड़ी जैसे तमाम कपड़े देखने को मिल जाते हैं.

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खजुराहो के बाजार में 250 रुपये से लेकर 3200 रुपये तक की बांस की साड़ियों की रेंज भी देखने को मिलती है, जो यहां के स्थानीय और पर्यटकों के बीच काफी पसंद की जा रही है.

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वहीं बांस के दुपट्टे की बात करें तो इसकी रेंज 100 रुपए से शुरू होती है. हालांकि, 120 रुपए में आपको बेहतर क्वालिटी का बांस दुपट्टा खरीदने को मिल जाता है. इन दुपट्टों में मनपसंद डिजाइन भी देखने को मिल जाती है. खजुराहो के दुपट्टों की खासियत यह होती है कि ये बांस के बने होते हैं और इन दुपट्टों में प्रकृति के चित्रण को दर्शाया जाता है.

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वहीं, महज 150 रुपये में अच्छे कुर्ते-कुर्तियां भी बाजार में उपलब्ध हैं. इस बाजार में आपको कुर्ता 150 रुपये, कुर्ती 200 रुपये, लॉन्ग कुर्ती 250 रुपये, स्कर्ट 300 रुपये, स्टोल 120 रुपये, गाउन 800 रुपये, लोअर 200 रुपये और शॉर्ट्स 150 रुपये में मिल जाएगा.

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श्रीराम इंपोरियम दुकान के मालिक रमेश चंद्र गुप्ता लोकल 18 को बताते हैं कि सबसे पहले बांस को बारीकी से छीला जाता है. इसके बाद इसे केमिकल से उबालकर उससे लुग्दी (रेशों का गुच्छा) बनाई जाती है.

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इस लुग्दी से धागा तैयार किया जाता है, जो अंततः दुपट्टे, साड़ी, स्कर्ट, गाउन जैसे कपड़े बनाने के काम आता है.  बांस की इस पूरी प्रक्रिया के कारण यहां की साड़ियां भी विशेष होती हैं और यही कारण है कि इनकी मांग भी काफी बढ़ी है.

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उन्होंने आगे बताया कि बांस के कपड़े मेंटेनेंस फ्री होते हैं. इनमें आयरन (प्रेस) करने की भी जरूरत नहीं पड़ती है और धुलाई के बाद भी इनका लुक नया जैसा ही बरकरार रहता है.

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सबसे खास बात यह है कि यह कपड़ा मौसम के हिसाब से अपनी तासीर बदलता है. ठंड के मौसम में यह गरम और गर्मियों में यह ठंडक देता है, जिससे इसे पहनने वाले को हर मौसम में आराम मिलता है.

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खजुराहो में छा गए ‘बांस के कपड़े’! ना सिलवट, ना खर्च, पहनते ही ठंडक का एहसास



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