पहले टेस्ट की तरह दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेले जा रहे दूसरे मैच में भी वेस्टइंडीज का प्रदर्शन कुछ खास नहीं दिख रहा. आलम यह है कि भारतीय टीम की नजरें तीसरे ही दिन मैच जीतने पर हैं. दो दिन का खेल हो चुका है. शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल के शतकों से भारत ने 518/5 रन का बड़ा स्कोर बनाकर पारी घोषित कर दी. जवाब में दूसरे दिन के खेल तक विंडीज ने चार विकेट खोकर 140 रन बना लिए हैं. टीम अभी भी 378 रन से पीछे है. इस निराशाजनक प्रदर्शन को देखते हुए दूसरे दिन के खेल के बाद वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा टीम के ड्रेसिंग रूम में पहुंचे, जहां उन्होंने कोच, कप्तान और खिलाड़ियों से 20 मिनट तक बातचीत की.
अचानक ड्रेसिंग रूम में पहुंचे लारा
भारत के खिलाफ दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा ने मेहमान टीम के ड्रेसिंग रूम में पहुंचे. लारा के चेहरे पर टीम के प्रदर्शन की निराशा साफ दिख रही थी, इसलिए उन्होंने खिलाड़ियों से मिलना जरूरी समझा. 56 साल के लारा, विव रिचर्ड्स के साथ एक नई दिल्ली में हैं. वे संघर्ष कर रहे वेस्टइंडीज क्रिकेट को कुछ अतिरिक्त फंड दिलाने में मदद करने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि वेस्टइंडीज में टेस्ट क्रिकेट की खराब हालत को सुधारा जा सके.
कोच, कप्तान… सबसे की बात
इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया, ‘ब्रायन लारा ने दिन का खेल खत्म होने के बाद वेस्टइंडीज के ड्रेसिंग रूम का दौरा किया. उन्होंने सभी खिलाड़ियों को एक साथ कोई आम बात नहीं कही, बल्कि कोच डैरेन सैमी, कप्तान रोस्टन चेज और कुछ खिलाड़ियों से अलग-अलग बात की. वह लगभग 20 मिनट तक वहां रहे. चर्चा मुख्य रूप से वेस्टइंडीज क्रिकेट के स्वास्थ्य और भविष्य की दिशा के बारे में थी.’
लारा ने पहले भी जताई थी चिंता
लारा ने हाल ही में एक निजी पुरस्कार समारोह में कहा था कि क्रिकेट में चीजें सही करने के लिए पैसों की जरुरत होती है. उन्होंने कहा था, ‘अगर आप कुछ करना चाहते हैं, तो आपके पास उसे करने के लिए पैसा होना चाहिए. इसलिए यह एक बड़ा हिस्सा है.’ उन्होंने यह भी सवाल उठाया था कि क्या खिलाड़ियों में जुनून की कमी है, भले ही पैसा एक जरूरी चीज है.
‘क्या क्रिकेट उनके दिल में है?’
लारा ने कहा था, ‘मैं रोस्टन चेज और बाकी खिलाड़ियों से पूछना चाहता हूं… क्या क्रिकेट उनके दिल में है? क्या वे वास्तव में वेस्टइंडीज के लिए खेलना चाहते हैं? और यही सबसे महत्वपूर्ण बात है, क्योंकि अगर ऐसा है तो आप रास्ता ढूंढ ही लेंगे.’ उन्होंने पुरानी बातों को याद करते हुए कहा था, ‘हमारे पास 30-40 साल पहले बेहतर सुविधाएं नहीं थीं. विव रिचर्ड्स भी किसी बेहतर अभ्यास पिच पर बल्लेबाजी नहीं करते थे. हमें भी वही काम करना पड़ता था, वही संघर्ष करना पड़ता था, लेकिन जुनून अलग था. वेस्टइंडीज के लिए खेलने का जुनून अलग था.’
लारा ने युवा खिलाड़ियों से अपील करते हुए कहा था, ‘इसलिए मैं युवा खिलाड़ियों से आग्रह करता हूं कि वे समझें कि यह एक शानदार मौका है. मुझे लगभग यकीन है कि उनके हर माता-पिता के मन में यह सपना रहा होगा कि उनका बेटा वेस्टइंडीज के लिए खेले, उनका बेटा वेस्टइंडीज के लिए अच्छा करे, क्योंकि उन दिनों इसका बहुत महत्व था.’