जबलपुर में साइबर ठगों ने डॉक्टर का झांसा देकर 2.55 लाख रुपए की ठगी की। सुधीर नायक ने 4 अक्टूबर को पत्नी के इलाज के लिए बेस्ट न्यूरो सर्जन का नंबर कॉल किया। कॉल पर उन्हें लिंक और APK फाइल भेजी गई, जिस पर क्लिक करने के बाद उनका मोबाइल और बैंक खाता हैक
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जनरल स्टोर संचालक सुधीर नायक के साथ 2.55 लाख रुपए की ठगी की गई।
पत्नी के इलाज के नाम पर ठगी
जबलपुर के गंजीपुरा क्षेत्र में जनरल स्टोर संचालक सुधीर नायक की पत्नी लंबे समय से पैरों की परेशानी से जूझ रही थी। 4 अक्टूबर को उन्होंने ऑनलाइन बेस्ट न्यूरो सर्जन की खोज शुरू की। सर्च में आने वाले नंबर पर कॉल करने पर उनसे डॉक्टर का नाम और समस्या पूछी गई। अगले दिन अपॉइंटमेंट के लिए कहा गया और ऑनलाइन लिंक/APK फाइल भेजी गई।

सुधीर नायक ने लिंक और फाइल पर क्लिक किया, जिसमें ऑप्शन आया कि सिर्फ 10 रुपए जमा कर नंबर लगाया जा सकता है।
APK फाइल से हुआ मोबाइल हैक
सुधीर नायक ने लिंक और फाइल पर क्लिक किया, जिसमें ऑप्शन आया कि सिर्फ 10 रुपए जमा कर नंबर लगाया जा सकता है। जैसे ही उन्होंने क्लिक किया, उनका बैंक खाता APK फाइल से कनेक्ट हो गया। अगले ही दिन उनके खाते से कई ट्रांजैक्शन हुए और कुल 2,55,682 रुपए निकाल लिए गए।

साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई
6 अक्टूबर को सुधीर को कई मैसेज आए, जिससे उन्हें पता चला कि खाते से लाखों रुपए निकाले जा चुके हैं। 7 अक्टूबर को केवल 1 रुपए निकाले गए। उन्होंने लगातार लार्ड गंज थाना और बैंक का चक्कर लगाया, पर समाधान नहीं मिला। 11 अक्टूबर को उन्होंने साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
ठगी का तरीका और नया ट्रेंड
साइबर एक्सपर्ट इंस्पेक्टर नीरज नेगी ने बताया कि पहले ठग पुलिस, CBI या कस्टम अधिकारी बनकर ठगी करते थे। अब नया ट्रेंड आया है जिसमें डॉक्टर या उनके असिस्टेंट बनकर अपॉइंटमेंट के नाम पर लोगों को फंसाया जा रहा है। लिंक या APK फाइल के माध्यम से मोबाइल और बैंक खाते हैक किए जा रहे हैं।
ट्रेफिक चालान के नाम पर भी फ्रॉड
नीरज नेगी ने बताया कि इसी तरह का फ्रॉड ट्रेफिक चालान के नाम पर भी हो रहा है। ठग लिंक या फाइल के जरिए लोगों के बैंक खाते तक पहुंचते हैं। जागरूक लोग लिंक क्लिक नहीं करते, पर APK फाइल के जरिए आसानी से फंस जाते हैं।
साइबर पुलिस की सलाह
साइबर पुलिस की सलाह है कि किसी भी अनजान लिंक या फाइल पर कभी भी क्लिक न करें। ऑनलाइन अपॉइंटमेंट या भुगतान केवल विश्वसनीय और भरोसेमंद स्रोत से ही करें। यदि आपके बैंक खाते से कोई अनजान या संदिग्ध ट्रांजैक्शन होता है, तो तुरंत अपने बैंक और साइबर पुलिस को सूचित करें।
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डिजिटल अरेस्ट और साइबर फ्रॉड के मामले सरकार और समाज दोनों के लिए चिंता का विषय बनते जा रहे हैं। ठग नए-नए तरीके अपनाकर लोगों की मेहनत की कमाई चंद मिनटों में उड़ा देते हैं।
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