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IAS Bhavya Mittal Profile Story: मध्य प्रदेश की तेजतर्रार महिला IAS अफसरों में खरगोन कलेक्टर भव्या मित्तल का नाम सबसे पहले लिया जाता है. इंजीनियर से अफसर बनीं भव्या अपने सख्त फैसलों और ईमानदारी के लिए जानी जाती हैं. उनके काम की तारीफ खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कर चुके हैं.
मध्य प्रदेश में अगर किसी महिला अफसर की चर्चा सबसे ज्यादा होती है तो वो हैं खरगोन कलेक्टर भव्या मित्तल. 2014 बैच की ये अफसर अपने सख्त फैसलों और साफ कामकाज के लिए जानी जाती हैं. पीएम मोदी भी उनके काम की तारीफ कर सम्मानित कर चुके हैं.

जनवरी 2025 में भव्या मित्तल को खरगोन का कलेक्टर बनाया गया था. इससे पहले वो बुरहानपुर में पोस्टेड थीं. वहां उन्होंने नल-जल योजना में बेहतरीन काम किया था, जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें सम्मानित भी किया. उनके काम की चर्चा सिर्फ एमपी में नहीं, बल्कि दिल्ली तक होती है.

भव्या मित्तल मूल रूप से दिल्ली की रहने वाली हैं. उन्होंने आईआईटी दिल्ली से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया और फिर एमटेक भी किया. पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने साल 2013 में UPSC परीक्षा दी और पूरे देश में 34वीं रैंक हासिल की. पहले उन्हें उत्तर प्रदेश कैडर मिला, फिर इसे कैंसल करके मध्य प्रदेश कर दिया.

IAS बनने के बाद उनकी शुरूआती पोस्टिंगें धार और नीमच में रहीं. इंदौर नगर निगम में वे अपर आयुक्त भी रहीं. इसके बाद बतौर कलेक्टर उन्हें बुरहानपुर में पहली पोस्टिंग मिली. यहां उन्होंने एक फैसले के बाद वे चर्चा में आईं. उन्होंने यहां एक भ्रष्ट सरकारी बाबू सुभाष काकडे को चपरासी बना दिया था. उनके इस फैसले की पूरे प्रदेश में चर्चा हुई थी और उन्हें “एक्शन लेडी” कहा जाने लगा था.

खरगोन में कलेक्टर बनने के बाद भी भव्या मित्तल ने सख्त रवैया जारी रखा है. अगस्त 2025 में उन्होंने काम में लापहवाही ओर गड़बड़ी के कारण जिला ई-गवर्नेंस प्रबंधक प्रमोद पंवार और सहायक प्रबंधक विपिन कुमार सिंह की संविदा सेवा खत्म कर दी थी. इस फैसले के बाद फिर से वो चर्चा में आ गईं.

इसी तरह खरगोन में 84 लाख रुपये के गबन मामले में उन्होंने पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के तीन अधिकारियों सहायक संचालक (AD), डीडीओ क्रिएटर और लेखा प्रभारी, पर FIR दर्ज कराई. इस सख्त कार्रवाई से भव्या मित्तल ने साफ कर दिया कि भ्रष्टाचार पर उनकी जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है.

आपको जानकर हैरानी होगी कि भव्या मित्तल के पास आज भी खुद का कोई घर नहीं है. हाल ही में उन्होंने केंद्र सरकार को दी प्रॉपर्टी रिपोर्ट में बताया कि उनके नाम पर कोई संपत्ति नहीं है. इससे उनकी ईमानदार छवि भी उजागर हुई. लोग अब उन्हें ईमानदार अधिकारी के रूप में भी जानते हैं.

उनके जीवन में एक और दिलचस्प बात यह है कि उनके पति ऋषभ गुप्ता भी IAS हैं और वे भी 2014 बैच के ही अधिकारी हैं. ऋषभ अभी खंडवा के कलेक्टर हैं और उन्होंने UPSC में 37वीं रैंक हासिल की थी. दोनों एक ही बैच के होकर अब खरगोन और खंडवा जैसे पड़ोसी जिलों की जिम्मेदारी निभा रहे हैं.