केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री तथा गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पिछोर, शिवपुरी में आयोजित महिला सम्मेलन में नारी शक्ति के सम्मान और उनके उत्थान के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया। उन्होंने मंच पर उपस्थित सभी पुरुष जनप्रतिनिधियों
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सिंधिया ने अपनी दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया की 106वीं जयंती पर उन्हें याद करते हुए कहा कि उनकी दादी ने नारी सशक्तिकरण के क्षेत्र में क्रांतिकारी काम किया था। उन्होंने 1965 में ग्वालियर में सिंधिया कन्या विद्यालय की स्थापना की और महिलाओं को शिक्षा एवं आर्थिक स्वतंत्रता की दिशा दी।
सिंधिया ने राजमाता के उदाहरण के माध्यम से कहा कि नारी शक्ति में मां दुर्गा के न्याय, सरस्वती का ज्ञान और लक्ष्मी का प्रेम समाहित है। उन्होंने हंसमुखी, रामदेवी, मुन्नीबाई और क्रांति देवी जैसे स्थानीय नायिकाओं का उदाहरण देकर बताया कि महिलाएं केवल जिले की नहीं, बल्कि भारत की विकास यात्रा की कहानी हैं।
बोले- पहले महिलाओं को बोझ समझा जाता था केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले महिलाओं को बोझ समझा जाता था, जबकि आज मातृशक्ति देश का भविष्य बन चुकी है। उन्होंने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, मुद्रा, जन-धन योजनाओं और मध्यप्रदेश की बेटी को भविष्य मानकर लागू की गई कन्यादान योजनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ को लेकर भी खुशी व्यक्त की।
स्थानीय स्तर पर महिलाओं को रोजगार देने की प्रतिबद्धता के तहत, सिंधिया ने बदरवास में जैकेट प्लांट और मूंगफली प्रोसेसिंग प्लांट की घोषणा की। ये परियोजनाएं पिछोर की लगभग 18,000 महिलाओं को प्रत्यक्ष रोजगार और आत्मनिर्भरता के नए अवसर प्रदान करेंगी। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं सशक्त होती हैं, तो परिवार, समाज और राष्ट्र तीनों की प्रगति सुनिश्चित होती है।
कार्यक्रम के बाद सिंधिया ने मानवीय संवेदनशीलता का उदाहरण भी प्रस्तुत किया। उनके काफिले के मार्ग में एक व्यक्ति सड़क हादसे में घायल हो गया। सिंधिया ने तत्काल काफिला रोका, स्वयं घायल व्यक्ति के पास पहुंचे और एम्बुलेंस बुलाने के निर्देश दिए। उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि पीड़ित सुरक्षित रूप से अस्पताल पहुंचे, फिर ही काफिला आगे बढ़ा। स्थानीय लोगों ने उनके इस कदम की सराहना की।
सिंधिया ने इसी दिन गुना में हुए सड़क हादसे में माता-पिता को खो चुकी नवजात बच्ची के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सुकन्या समृद्धि योजना के तहत खाता खुलवाया और घोषणा की कि बच्ची के बालिग होने तक वह निजी कोष से नियमित योगदान देंगे। इस कदम से दो वर्षीय मासूम बच्ची का भविष्य सुरक्षित रहेगा और उसकी शिक्षा एवं जीवन की जरूरतें पूरी होंगी।
केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि पिछोर की औद्योगिक और सामाजिक विकास की यह यात्रा निरंतर जारी रहेगी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विकसित भारत’ के संकल्प को साकार करने के लिए हर जिले, हर गांव और हर व्यक्ति तक प्रगति की किरण पहुंचाई जाएगी।
