भगवान राम सीता की आरती करते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया।
ग्वालियर के मुरार रामलीला मैदान में चल रही रामलीला में रविवार रात को लंका दहन किया गया। लीला में सर्वप्रथम हनुमान जी सौ योजन समुद्र पार करने के लिए वायु मार्ग से होते हुए लंका पहुंचे और माता सीता से भेंट करने के बाद लंका दहन किया। रविवार रात को केंद्
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वीर हनुमान से मिलते हुए सिंधिया
रविवार रात को रामलीला का मंचन हनुमान के सौ योजन समुद्र पार कर वायु मार्ग से लंका पहुंचने से शुरू हुआ है। मंचन में दिखाया गया कि किस तरह कई बाधाओं को चतुराई से पार करते हुए हनुमान जी, रावण की नगरी लंका के द्वार पर पहुंचे। यहां उन्हें लंका द्वार पर लंकिनी मिलती है जो हनुमान जी को लंका में प्रवेश करने से रोकती है, तब हनुमान जी उसे एक प्रहार से गिरा देते हैं और फिर वह हनुमान जी को लंका में प्रवेश करने को कहती है। इसके बाद हनुमान लंका में हर दिशा में माता सीता की खोज करते हैं और इसी क्रम में वह रावण के महल में भी जाते हैं परन्तु उन्हें सीता माता का पता नहीं चलता। विभीषण ने बताया माता सीता का पता सीता माता की खोज करते हुए हनुमान रावण महल से निकलकर जा रहे होते हैं, वहां उनको श्रीराम की ध्वनि सुनाई पड़ी और उनकी भेंट रावण के छोटे भाई विभीषण से होती है और हनुमान को उनसे माता जानकी का पता चलता है। हनुमान, माता जानकी के दर्शन के लिए अशोक वाटिका में जाते है वहां जैसे ही हनुमान पहुंचते हैं तभी वहां रावण अपने सैनिकों के साथ आ जाता है और सीता मैया को कई प्रकार से भयभीत करता है। यह देख हनुमान ने रावण को सबक सिखाने की ठान ली।

रामलीला देखने पहुंचे शहरवासी
रावण की लंका का किया दहन सीता माता से भेंट करने के बाद हनुमान जी ने लंका में तबाही मचा दी। जब उनको रावण के पास ले जाया गया तो उन्होंने हनुमान जी की पूंछ में आग लगाने की बात कही। इसके बाद शुरू हुआ लंका दहन का अद्भुत मंचन। हनुमान जी ने एक के बाद एक लंका के भवनों का दहन शुरू कर दिया। 100 साल से भी पुरानी मुरार रामलीला का पूरा मंचन डिजिटल स्क्रीन पर किया जा रहा था। आज होगा अंगद-रावण संवाद मुरार रामलीला के मीडिया प्रभारी निरंजन सिंह गुर्जर ने बताया कि सोमवार को रामलीला में आगे का पाठ किया जाएगा। राम सेना लेकर लंका पहुंच जाएंगे और भगवान राम के दूत बनकर अंगद, रावण के दरबार में जाएंगे। यहां अंगद-रावण संवाद की लीला का मंचन सोमवार को किया जाएगा। बता दें कि ग्वालियर में रामलीला दशहरा पर रावण दहन से शुरू होती है।