अवमानना प्रकरणों में जवाब नहीं देने पर सरकार सख्त: मुख्य अभियंताओं से मांगी रिपोर्ट, कोर्ट में जवाब न देने की वजह पूछी – Bhopal News

अवमानना प्रकरणों में जवाब नहीं देने पर सरकार सख्त:  मुख्य अभियंताओं से मांगी रिपोर्ट, कोर्ट में जवाब न देने की वजह पूछी – Bhopal News



कोर्ट में लंबित अवमानना प्रकरणों में समय पर जवाब पेश न कर पाने पर राज्य सरकार ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से जवाब तलब किया है। मंत्रालय ने पूछा है कि आखिर किन कारणों से अदालतों में समय पर जवाब नहीं दिया जा रहा। सरकार ने चेतावनी दी है कि रिपोर्ट

.

सरकार ने विभाग के 12 मुख्य अभियंताओं को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि वे सभी पेंडिंग अवमानना मामलों की विस्तृत रिपोर्ट तय प्रारूप में जल्द भेजें। प्रत्येक प्रकरण में देरी की ठोस वजह भी बताना होगी।

इसके साथ ही जिन कर्मचारियों से अवैध भुगतान के मामलों में वसूली की जानी है, उनकी पूरी जानकारी अब संबंधित जिलों में पदस्थ अधिकारियों को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।

मंत्रालय ने यह भी कहा है कि उच्चतम न्यायालय में लंबित जमीन अधिग्रहण और अवमानना प्रकरणों की पूरी स्थिति भी तत्काल भेजी जाए, ताकि आगामी सुनवाई में विभाग की ओर से प्रभावी जवाब पेश किया जा सके।

रिट अपील और अवमानना की पूरी जानकारी मांगी

मुख्य अभियंता चंबल बेतवा कछार भोपाल, विद्युत और यांत्रिकी भोपाल, गंगा कछार रीवा, यमुना कछार ग्वालियर, बेनगंगा कछार सिवनी, नर्मदा ताप्ती कछार इंदौर, जल संसाधन विभाग उज्जैन, जल संसाधन विभाग नर्मदापुरम, राजघाट नहर परियोजना दतिया, बोधी भोपाल, धसान केन कछार सागर, बांध सुरक्षा जल संसाधन विभाग भोपाल को पत्र लिखकर कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय में चल रहे प्रकरणों के मामले में फार्मेट में जानकारी दी जाए।

राजस्व वसूली का डाटा मांगा

राजस्व वसूली के मामलों, रिट अपील से संबंधित केस और न्यायालय में चल रहे अवमानना के प्रकरणों की अपडेट स्थिति भी देने के लिए कहा गया है। साथ ही अधिकारियों, कर्मचारियों से वसूली का ब्योरा, न्यायालय द्वारा दिए गए फैसलों के संबंध में स्पीकिंग आदेश संबंधी मामले और 30 सितंबर की स्थिति में दायर रिट और अवमानना प्रकरणों की संख्या भी पूछी गई है।

ये प्रकरण क्यों बढ़ रहे हैं और इनके निपटारे के लिए किए जाने वाले प्रयासों के बारे में भी जानकारी देने को कहा गया है। जल संसाधन विभाग के आला अफसरों ने इस मामले में मीटिंग के बाद हर जिले से अलग-अलग रिपोर्ट तलब की है। इसके पहले पिछले माह चीफ इंजीनियरों को ऐसे ही मामलों में नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं।



Source link