नई दिल्ली. जब क्रिकेट की बात होती है, तो कुछ नाम सिर्फ आंकड़ों से नहीं, जुनून, जज्बे और करिश्मे से याद किए जाते हैं और विराट कोहली उन्हीं में से एक हैं. उम्र के इस पड़ाव पर, जब ज़्यादातर खिलाड़ी भविष्य की बजाय विराम की ओर देखते हैं, कोहली अब भी उसी भूख, उसी तेवर और उसी आग के साथ मैदान पर उतरते हैं, जैसे वह पहली बार उतरे थे. पर्थ की हवा भले ठंडी हो, लेकिन वहां से जो संकेत आए हैं, वो साफ बताते हैं कि कोहली के अंदर की गर्मी अब भी कायम है.
‘विराट’ भविष्य कोहली तय करेंगे
क्या विराट के अंदर अब भी वही ज़ज्बा है, क्या वह अब भी उतनी ही शिद्दत से खेलना चाहते हैं? क्या वह खुद को चयन के लिए उपलब्ध रखना चाहते हैं? यह फैसला पूरी तरह से उन्हीं का होगा. कोई भी चयन समिति या कोच उन्हें यह नहीं कह सकता कि वह खुद को चयन के लिए प्रस्तुत न करें. हां, यदि प्रदर्शन में गिरावट आती है जैसे कि तीन लगातार सीरीज़ में रन न बनें तो प्रबंधन यह कह सकता है कि अब आगे देखना ज़रूरी है लेकिन अगर कोहली रन बनाते रहते हैं, जैसा कि उन्होंने अपने पूरे वनडे करियर में किया है, तो इसमें कोई दो राय नहीं कि वह 2027 वर्ल्ड कप का हिस्सा हो सकते हैं.
कुछ शर्तें कुछ परिस्थितियां
विराट के सामने ऑस्ट्रेलिया में तीन शर्ते होंगी पहला टूर्नामेंट अभी दो साल दूर है दूसरा, यह इस बात पर भी निर्भर करेगा कि अगले एक साल में कोहली खुद को कैसे ढालते हैं और घरेलू क्रिकेट की अनिवार्यता को कैसे पूरा करते हैं. एक केंद्रीय अनुबंधित खिलाड़ी के तौर पर कोहली भी उन्हीं नियमों के अधीन हैं, जो बाकी खिलाड़ियों पर लागू होते हैं. उन्हें भी घरेलू क्रिकेट खेलना होगा अब यह अनिवार्य कर दिया गया है और इसमें कोई अपवाद नहीं होगा न ही कोहली. तीसरा, यह भी देखना होगा कि कोहली का शरीर उन्हें आने वाले समय में बिना चोट के खेलने की इजाज़त देता है या नहीं. उम्र के साथ चोट की संभावना बढ़ती जाती है और यह उनके भविष्य को प्रभावित कर सकती है.
प्रोफेशनल है किंग कोहली
कोहली प्रदर्शन करते रहते हैं, तो कोच के तौर पर गंभीर भी उन्हें टीम में बनाए रखना चाहेंगे, क्योंकि इसमें कोई शक नहीं कि कोहली एक मैच विनर हैंऔर इससे ज़्यादा कोई बात मायने नहीं रखती न ही रखनी चाहिए. व्यक्तिगत मतभेद कभी भी पेशेवर निर्णयों के आड़े नहीं आ सकते. हर बड़े खिलाड़ी में एक अहम भाव होता है, जो स्वाभाविक है, लेकिन वह कभी भी टीम के हित से ऊपर नहीं हो सकता.फिलहाल, यह कहना मुश्किल है कि कोहली 2027 तक खेलेंगे या नहीं, लेकिन एक बात साफ है अभी तक ऐसा कुछ नहीं दिखा जो यह साबित करे कि वह खेलना नहीं चाहते.
कोहली का ट्रेनिंग करना और ऑस्ट्रेलिया में मौजूद होना यह संकेत देता है कि वह अब भी मैदान पर उतर कर टीम के लिए योगदान देना चाहते हैं वह अब भी भारत के लिए मैच जीतने की भूख रखते हैं, अपनी विरासत में और इज़ाफा करना चाहते हैं इन सभी बातों को देखें तो कोहली के फैन्स के लिए उम्मीद ज़िंदा है और 2027 वर्ल्ड कप एक हकीकत बन सकता है.