शुरू हो गया मोनिया नृत्य का रोमांच, रात में लाठियों से करते हैं प्रैक्टिस, जानें क्या है परंपरा

शुरू हो गया मोनिया नृत्य का रोमांच, रात में लाठियों से करते हैं प्रैक्टिस, जानें क्या है परंपरा


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Monia Dance Festival: बुंदेलखंड का दिवारी नृत्य महोत्सव भगवान श्री कृष्ण से जुड़ी एक अनोखी पौराणिक कहानी को दर्शाता है. यह नृत्य केवल एक लोक कला नहीं, बल्कि बुंदेलखंड की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का हिस्सा है. इसलिए छतरपुर के गांव-गांव में दिवारी नृत्य की ट्रेनिंग दी जा रही है. 

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Chhatarpur News: छतरपुर जिले में मोनिया नृत्य महोत्सव के लिए बच्चे, युवाओं से लेकर सभी बुजुर्ग उत्साहित हैं. इस उत्सव में शामिल होने के लिए हर साल बड़ी संख्या में युवा शामिल होते हैं. जिसके लिए दीपावली तक इन युवाओं द्वारा अभ्यास भी किया जाता है. अभ्यास के दौरान बच्चे, युवा और बुजुर्ग पांव में घुंघरू बांध, सर पर मोर पंख और हाथ में लाठी लेकर घंटो अभ्यास करते हैं.  दिवारी नृत्य महोत्सव परंपरा कितने साल पुरानी है? आइए जानते हैं

मोहन के मुताबिक, इस नृत्य में अलग तरह से बज रही ढोलक की थाप लोगों को थिरकने के लिए मजबूर कर देती है. बुंदेलखंड की यह परम्परा गांवों और शहरों सभी जगह उत्साह पूर्वक देखी जा सकती है. अलग वेश-भूषा और मजबूत लाठी जब दिवारी लोक नृत्य खेलने वालों के हाथ आती है, तो यह कला बुंदेली सभ्यता-परम्परा को मजबूत रूप से प्रकट करती है.

दीपावली के बाद महोत्सव शुरू 
इस कला को हर बुंदेली सीखना चाहता है फिर चाहे बच्चे, जवान या फिर बुजुर्ग हों, क्योंकि इसमें वीरता का भाव होता है. दीपावली के बाद दिवारी नृत्य महोत्सव शुरू हो जाता है जो ग्यारस तक चलता है.

दिवारी नृत्य में पारंगत और दिवारी गाने वाले भूरा पाल बताते हैं कि दिवारी नृत्य के लिए हर साल तैयारी करते हैं. हर साल नए बच्चे और युवा दिवारी नृत्य सीखते हैं. इन्हें ट्रेनिंग देते हैं. दिवारी नृत्य के साथ ही नए बच्चों को दिवारी धुन निकालना भी सिखाते हैं. वहीं, बहोरा पाल बताते हैं कि इस दिवारी नृत्य में सभी जाति के लोग शामिल होते हैं. इसमें कोई ऊंच-नीच का भाव नहीं होता है. बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी इस प्रसिद्ध लोक परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं.

दिवारी लोक नृत्य का गोवर्धन पर्वत से है संबंध
ऐसी मान्यता है कि द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने जब गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा कर ब्रजवासियों को इंद्र के प्रकोप से बचाया था तब ब्रजवासियों ने खुश हो कर यह दिवारी नृत्य किया था.

Deepti Sharma

Deepti Sharma, currently working with News18MPCG (Digital), has been creating, curating and publishing impactful stories in Digital Journalism for more than 6 years. Before Joining News18 she has worked with Re…और पढ़ें

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